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सरकार, साजिश और बंद सूटकेस, छिपे हैं कई राज

झारखंड की राजनीति कुछ दिनों से गर्म है. विधायकों की खरीद-फरोख्त की खबरों के बीच कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है. जिनपर राजद्रोह का आरोप लगाया गया है. लेकिन इस पूरे मामले में पुलिसिया कार्रवाई सवालों के कठघरे में है.

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बंद सूटकेस खोलेगा साजिश का सच

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Published : Jul 25, 2021, 12:16 PM IST

Updated : Jul 25, 2021, 1:57 PM IST

रांचीः झारखंड की राजनीति में पिछले तीन दिनों से भूचाल आया हुआ है. सरकार के खिलाफ साजिश, आठ विधायकों की खरीद फरोख्त की खबरों ने झारखंड की सियासत में सनसनी फैला रखी है. रांची पुलिस ने कांग्रेस विधायक जय मंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह की शिकायत पर आनन-फानन में राजधानी के सभी होटल खंगाल दिए. तीन लोगों को भी गिरफ्तार कर राजद्रोह के केस में जेल भी भेज दिया गया, लेकिन सवाल यह है कि कि क्या यह तीन लोग मिलकर ही सरकार के खिलाफ साजिश रच रहे थे या फिर इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है. जिसका खुलासा होना अभी बाकी है. आरोपियों के पास से मिले चार सूटकेस में क्या है यह भी रहस्य बना हुआ है.

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छापा होटल में, गिरफ्तारी बोकारो के घर से

सरकार के खिलाफ साजिश रचने वाले तीन व्यक्तियों अभिषेक चौबे, अमित सिंह और निवारण महतो की गिरफ्तारी कहां से हुई है, यह अभी तक रांची पुलिस ने क्लियर नहीं किया है. जहां तक तीनों के परिजनों की बात है सबने दावा किया है कि गिरफ्तारी घर से हुई है. अमित सिंह और निवारण महतो को 23 जुलाई की रात 1 बजे उनके घर से उठाया गया. जबकि अभिषेक सिंह को रांची स्थित आवास से. परिजनों का दावा है कि उनके पास इसके ठोस प्रमाण भी हैं कि सब की गिरफ्तारी घर से हुई.

छापेमारी में बरामद सूटकेस

होटल से मिला समान किसका है

अब सवाल यह है कि जब तीनों को उनके घरों से गिरफ्तार किया गया है तब आखिर रांची के होटल लिलैक में कौन रह रहा था. क्योंकि होटल का रजिस्टर खंगालने पर यह कहीं नहीं मिला कि उसमें अमित सिंह, निवारण महतो या अभिषेक चौबे कमरा लेकर रह रहे थे. पुलिस ने होटल के कमरे से काफी सामान बरामद किया है तो ऐसे में पुलिस को यह बताना चाहिए कि आखिर वह सामान किसका है.

गिरफ्तार आरोपी

कमरा नंबर 310 का क्या है राज

पुलिस ने रांची के होटल लिलेक में छापेमारी कर चार सूटकेस, दो लाख रुपये नगद, कई हवाई टिकट, कई मोबाइल फोन के साथ साथ कई कागजात जब्त किए हैं. यह सभी सामान होटल के कमरा नंबर 310 से बरामद किए गए हैं. पुलिस ने जब्त की सूची में इन सभी सामानों को शामिल किया है.

कमरे में कौन था

पुलिस का दावा है कि रांची के होटल लिलेक के तीन कमरों से सरकार के खिलाफ साजिश रची जा रही थी. ऐसी सूचना पर पुलिस की टीम ने होटल पर रेड किया था, लेकिन सभी आरोपियों की गिरफ्तारी उनके घरों से हुई ना कि होटल से अब सवाल यह है कि आखिर होटल लिलेक के तीन कमरों में कौन रुका हुआ था. पुलिस इसका खुलासा क्यों नहीं कर रही है.

पुलिस का प्रतिवेदन

PNR NO -IGCT2V और OMZMRW के राज पर पर्दा क्यों

रांची पुलिस ने यह दावा किया है कि होटल से हवाई यात्रा से संबंधित टिकट मिला है, लेकिन किन-किन लोगों ने हवाई यात्रा की और किसके साथ की यह अभी रहस्य बना हुआ है. दावा है कि झारखंड के 8 विधायकों ने आरोपियों के साथ हवाई यात्रा की. अब यहां सवाल यह है कि पुलिस के द्वारा छापेमारी में मिले हवाई यात्रा के विवरण का मिलान कराने पर जिन यात्रियों का नाम सामने आया उन्हें पुलिस ने अब तक क्यों नहीं गिरफ्तार किया. यह मामला इस वजह से और भी रहस्यमय बनता जा रहा है.

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पुलिस का दावा आरोपी सामान छोड़ कर भागे

गिरफ्तार तीनों आरोपियों को रिमांड पर लेने के लिए पुलिस ने कोर्ट में जो आवेदन दिया है, उसमें यह जिक्र किया गया है कि बरामद सभी सामान आरोपियों और उनके साथियों के हैं. वे सभी छापेमारी के पहले सारा सामान छोड़कर फरार हो गए और उन्हीं सामानों को पुलिस ने जप्त किया.


हास्यास्पद है पुलिस का यह दावा

पुलिस का यह दावा पूरी तरह से हास्यपद है, क्योंकि अगर किसी को यह जानकारी मिल जाए कि पुलिस की टीम होटल पर रेड करने वाली है तो क्या भला वह अपने सारे सामान छोड़ कर भाग जाएगा. मान लिया जाए कि वह अपने बड़े सामानों को ना ले जाए पाए लेकिन कम से कम कागजात तो ले ही जा सकता था.



गिरफ्तारी की सच्चाई छुपा रही पुलिस

सरकार के खिलाफ साजिश रचना कोई छोटा जुर्म नहीं है. इतने बड़े मामले के आरोप में तीन ऐसे लोग गिरफ्तार होते हैं जिनका बैकग्राउंड कोई खास मजबूत नहीं है. तीनों पर राजद्रोह का मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जाता है, लेकिन मामले में अभी तक किसी भी आला पुलिस अधिकारी का बयान नहीं आ पाया. आमतौर पर एक चोर के गिरफ्तार होने पर भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाली रांची पुलिस इस पूरे मामले को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं. लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर कौन लोग सरकार के खिलाफ साजिश रच रहे थे. पुलिस आखिर क्यों सामने आकर बोलना नहीं चाहती है. क्या उन पर कोई दबाव है, क्योंकि अगर सरकार के खिलाफ साजिश रची जा रही थी और समय रहते पुलिस की टीम ने उसका पटाक्षेप कर दिया तो यह तो पुलिस के लिए पॉजिटिव खबर थी. ऐसे मामलों को लेकर राज्य के मुखिया को ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करना चाहिए था.

Last Updated : Jul 25, 2021, 1:57 PM IST

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