रांचीः झारखंड सरकार ने नई सौर ऊर्जा नीति लॉन्च कर दी है. जिसके तहत सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने की बात कही जा रही है. लेकिन दूसरी तरफ एक सच्चाई यह है कि कई योजनाएं किसी ना किसी वजह से जमीन पर उतर नही पा रही हैं. इन्हीं में से एक है जरेडा सोलर प्लांट लगाने की योजना.
जरेडा के प्रोजेक्ट पर ग्रहण, जमीन के कारण अधर में लटकी है योजना
एक तरफ झारखंड को सोलर हब बनाने की तैयारी की जा रही है, वहीं दूसरी ओर जमीन के अभाव में प्रोजेक्ट अटके पड़े हैं. जरेडा द्वारा राज्य के चार जिलों में 20-20 मेगावाट का सोलर प्लांट लगाने की तैयारी जमीन के अभाव में महीनों से लटकी हुई है.
बता दें कि जरेडा द्वारा राज्य के चार जिलों में 20-20 मेगावाट के सोलर प्लांट लगाने की योजना है. जिसके लिए जमीन नहीं मिल पा रही है. योजना के मुताबिक सिमडेगा, डाल्टेनगंज, गढ़वा और देवघर में सोलर प्लांट लगाये जाने हैं. जिसके लिए जरेडा ने राज्य सरकार को कई महीने पहले जमीन मुहैया कराने का आग्रह किया था. पीपीपी मोड पर बनने वाले इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए जरेडा ने सरकार से सभी चारों जिलों में सौ-सौ एकड़ जमीन मुहैया कराने का आग्रह किया है.
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने सोलर हब बनाने के लिए नई सोलर नीति बनाई है. वर्तमान समय में सौर ऊर्जा से 45 मेगावाट उत्पादन होता है. राज्य सरकार राजस्थान से करीब 300 मेगावाट सौर ऊर्जा प्रतिदिन खरीदकर राज्य की जनता के बिजली डिमांड को पूरा करती है. ऐसे में सरकार की योजना है कि झारखंड में सौर ऊर्जा उत्पादन के पर्याप्त माहौल को देखते हुए इसे विकसित किया जाय. जिससे बिजली की किल्लत को दूर किया जा सके.