रांची: आरटीई के तहत राज्य के निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के नामांकन को लेकर पहले ही दिशा निर्देश जारी किया गया था. झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक 56,398 बीपीएल बच्चों का नामांकन विभिन्न निजी स्कूलों में लिया गया है.
1028 सीटों में शहर के निजी स्कूलों ने 315 BPL बच्चों का ही लिया नामांकन, सरकार को अब तक नहीं सौंपी पूरी रिपोर्ट
रांची जिले में 1,028 सीटे बीपीएल बच्चों के लिए आरक्षित किए गए हैं. लेकिन अब तक मात्र 315 बच्चों का नामांकन ही हो पाया है. राज्य के विभिन्न जिलों के मुकाबले रांची जिले में आंकड़ा सबसे कम है. यहां के निजी स्कूल सबसे कम ऐसे बच्चों का नामांकन लिया है. सत्र शुरू होने के बाद भी अधिकतर शहर के निजी स्कूलों में बीपीएल बच्चों के नामांकन का रिपोर्ट तक सरकार को नहीं भेजा है.
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बीपीएल बच्चों का नामांकन
पिछले कई सालों से राज्य के निजी स्कूलों में बीपीएल बच्चों का नामांकन सही तरीके से नहीं लिया जा रहा था. इसे लेकर कई बार शिकायतें मिलीं, विभाग की ओर से निजी स्कूलों पर कार्रवाई भी हुई. इस बार आरटीई के तहत नामांकन को लेकर विभाग ने तत्परता दिखाई और इसे देखते हुए निजी स्कूलों की ओर से राज्य के विभिन्न स्कूलों में 56,398 बीपीएल बच्चों का नामांकन लिया गया है. झारखंड में 2011-12 से निजी स्कूलों में बीपीएल बच्चों के नामांकन का प्रावधान किया गया है.
बीपीएल बच्चों के नामांकन में शहर के निजी स्कूल फिसड्डी
निजी स्कूलों को प्रति बच्चा 425 रुपये की दर से प्रतिमाह शिक्षण शुल्क का भुगतान किया जाता है. निजी स्कूलों को अब तक 963 लाख रुपये का भुगतान किया गया है. शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत यह अनिवार्य है कि तमाम निजी स्कूल अपने सीट के 25 फीसदी सीटों में ऐसे बच्चों का नामांकन लेंगे. लेकिन झारखंड में यह अभियान उतनी तेजी से आगे नहीं बढ़ रहा है. जितने की उम्मीद राज्य सरकार ने की है और इसमें निजी स्कूलों की मनमानी के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है.