रांची: कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में पहले 21 दिनों का लॉकडान लगा. वहीं, अब एक बार फिर 3 मई तक लॉकडाउन कर दिया गया है. इधर, झारखंड सरकार भी कोरोना वायरस को देखते हुए पहले 15 अप्रैल तक राज्य को लॉकडाउन की थी. वहीं फिर से लॉकडाउन बढ़ाने के लिए एक समिति का गठन किया गया है.
राज्य में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के मामले में लगातार इजाफा हो रहा है. खासकर रांची, बोकारो, हजारीबाग और गिरिडीह में कोरोना के कई मामले सामने आए हैं. इस कारण इस इलाके को सील कर दिया गया है. वहीं पूरे राज्य को देखते हुए हेमंत सरकार ने भी लॉकडाउन बढ़ाने का समर्थन किया है. लॉकडाउन के दौरान होने वाली समस्या को लेकर हेमंत सरकार लगातार समाधान कर रही है.
किसानों की समस्या
लॉकडाउन के दौरान लोगों को घर में रहना है. इस दौरान लोगों को जो सबसे जरूरी चिज है वो है राशन. एक तरफ किसान अपने अनाज नहीं बेच पा रहे हैं तो दूसरी तरफ लोगों को राशन भी मुहैया कराया सरकार की पहली प्राथमिकता है. हालांकि राज्य सरकार जरूरी सामानों को पहुंचाने के लिए ट्रांस्पोर्टों को अनुमति दी है, लेकिन कई छोटे जगहों पर किसान वाहन न मिलने का खामियाजा भुगत रहे हैं. सरकार को किसानों के लिए लॉकडाउन में विशेष व्यवस्था करानी होगी.
स्कूल-कॉलेज पूरी तरह रहेंगे बंद
स्कूल-कॉलेज पहले की तरह बंद रहेंगे. राज्य में कई जगहों से ऐसी भी खबरें आई कि स्कूल प्रबंधन अभिभावकों से स्कूल फीस की मांग कर रहे हैं. हालांकि शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रबंधनों से आग्रह किया था कि लॉकडाउन के दौरान वो फीस की मांग न करें, लेकिन स्कूल प्रबंधनों के साथ भी समस्या है कि वो अपने शिक्षक को वेतन कहां से देंगे. राज्य सरकार को इस पर भी ध्यान देना होगा.
अनाज का वितरण
हेमंत सरकार ने लोग भूखे न रहे इसके लिए कई तरह की व्यवस्था की है. दाल-भात केंद्र, मुख्यमंत्री दीदी किचन के तहत लोगों को भोजन दिया जा रहा है. वहीं, कई जिलों में उपायुक्त के द्वारा खाना बनाकर पैक कराकर गरीबों के बीच बांटा जा रहा है. थाना में भी खाना बनाकर लोगों को दिया जा रहा है. इसके अलावे राशन कार्ड और बिना राशन कार्ड वालों को अनाज दिया जा रहा है.