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Jharkhand Politics: यूपी के सपा विधायक के बयान से बढ़ी झारखंड की सियासी तपिश, जानिए किसने क्या कहा

दलितों और आदिवासियों पर सबसे ज्यादा जनसंख्या फैलाए जाने संबंधी अपने बयान पर यूपी (UP) के सपा विधायक इकबाल महमूद (SP MLA Iqbal Mahmood) की निंदा हो रही है. इस बयान की तपिश झारखंड का सियासी गलियारों तक देखी जा रही है. प्रदेश के राजनीतिक दलों से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं.

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झारखंड की सियासी तपिश

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Published : Jun 28, 2021, 6:21 PM IST

रांचीः उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सपा (SP) विधायक इकबाल महमूद (MLA Iqbal Mahmood) ने दलितों और आदिवासियों पर सबसे ज्यादा जनसंख्या फैलाए जाने संबंधी बयान क्या दिए सियासी गलियारों में यह बयान आग में घी डालने का काम कर गया है. सपा विधायक (SP MLA) के इस बयान की आग झारखंड की राजनीतिक गलियारों तक पहुंच गई है. झारखंड के सियासी दलों की इसपर प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है. झारखंड बीजेपी (Jharkhand BJP) ने इसे जहां राजनीति से प्रेरित बयान बताया है, तो झारखंड कांग्रेस (Jharkhand Congress) और झामुमो (JMM) ने भी इसकी निंदा की है.

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly elections) जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे उत्तर प्रदेश में बयानों के तीर चलने शुरू हो गए हैं. यूपी के सपा विधायक इकबाल महमूद (SP MLA Iqbal Mahmood) ने दलितों (Dalit) और आदिवासियों (Tribles) पर सबसे ज्यादा जनसंख्या फैलाए जाने संबंधी बयान क्या दिए सियासी गलियारों में यह बयान आग में घी डालने का काम कर गया है. सपा विधायक के इस बयान की आग झारखंड के राजनीतिक गलियारों तक पहुंच गई है. झारखंड के सियासी दलों की ओर से इसपर प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है. बीजेपी ने इसे जहां राजनीति से प्रेरित बयान बताया है, वहीं झामुमो-कांग्रेस ने भी इसकी निंदा की है.

बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा (BJP MLA and former minister Neelkanth Singh Munda) ने सपा विधायक के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पिछली सरकार में की गई सर्वे में झारखंड सहित देश के अन्य राज्यों में आदिवासियों की जनसंख्या कम होने के प्रमाण मिले हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड में मात्र 26 फीसदी आबादी आदिवासियों की है जबकि 32 से 38 प्रतिशत हुआ करती थी. ये बयान कहीं ना कहीं राजनीति से प्रेरित है.

प्रदेश के सियासी दलों की प्रतिक्रिया

झामुमो (JMM) ने भी सपा विधायक के बयान की निंदा करते हुए इसे सपा विधायक के मानसिक दिवालियापन बताया है. जेएमएम के प्रदेश प्रवक्ता मनोज पांडे (JMM State Spokesperson Manoj Pandey) के अनुसार दलितों और आदिवासियों पर इस तरह टिप्पणी करना शोभा नहीं देती. झारखंड कांग्रेस (Jharkhand Congress) ने इस बयान को राजनीति से जोड़कर देख रही है. कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की (Congress MLA Bandhu Tirkey) ने इसे बेतुका बताते हुए कहा है कि यूपी में चुनाव आ रहा है, इसलिए इस तरह का बयान दिया जा रहा है.

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क्या कहा सपा विधायक इकबाल महमूद ने
सपा विधायक इकबाल महमूद ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath government) जनसंख्या वृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून (Population Control Law) लाने पर विचार कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि दरअसल यह जनसंख्या की आड़ में मुसलमानों पर वार है, सम्‍भल सीट से सपा विधायक ने कहा कि सबसे ज्यादा आबादी दलितों और आदिवासियों के यहां बढ़ रही है, मुसलमानों के यहां नहीं, मुसलमान तो अब समझ गए हैं कि दो-तीन बच्चों से ज्यादा नहीं होने चाहिए.

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सपा विधायक इकबाल महमूद ने रविवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि भाजपा के लोग अगर समझते हैं कि देश में सिर्फ मुसलमानों की तादाद बढ़ रही है तो यह कानून संसद के अंदर आना चाहिए था ताकि यह पूरे देश में लागू होता. यह उत्तर प्रदेश में ही क्यों लाया जा रहा है? सम्‍भल विधानसभा सीट (Sambhal Assembly seat) से सपा विधायक ने कहा कि सबसे ज्यादा आबादी दलितों और आदिवासियों के यहां बढ़ रही है, मुसलमानों के यहां नहीं. मुसलमान तो अब समझ गए हैं कि दो-तीन बच्चों से ज्यादा नहीं होने चाहिए. उन्होंने कहा कि इस कानून का नतीजा भी राष्ट्रीय नागरिक पंजी (National Register of Citizens, NRC) जैसा ही होगा. इसी तरह, असम में एनआरसी (NRC) का असर मुसलमानों पर कम और गैर-मुस्लिमों पर ज्यादा पड़ा.

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