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Politics on Tata in Jharkhand: JMM के आंदोलन की चैंबर और बीजेपी ने की निंदा, कहा-उद्योग घरानों को प्रताड़ित न करें - टाटा कमिंस

देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों में से एक टाटा पर झारखंड में राजनीति (Politics on Tata in Jharkhand) शुरू हो गई है. टाटा जेएमएम विवाद (Tata JMM controversy in Jharkhand) नया मोड़ लेता नजर आ रहा है. सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने जहां टाटा के खिलाफ आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है तो झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स (Jharkhand Chamber of Commerce) और भाजपा (BJP) ने JMM के फैसले की निंदा की है.

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Politics on Tata in Jharkhand: JMM के आंदोलन की चैंबर और बीजेपी ने की निंदा

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Published : Nov 24, 2021, 6:36 PM IST

Updated : Nov 24, 2021, 7:25 PM IST

रांची:देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों में से एक टाटा पर झारखंड में राजनीति (Politics on Tata in Jharkhand) शुरू हो गई है. एक तरफ सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कार्यसमिति की बैठक में टाटा के खिलाफ आंदोलन तेज करने का फैसला लिया है तो दूसरी तरफ औद्योगिक घराने टाटा के खिलाफ किए जा रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के आंदोलन की झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स और मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने निंदा की है. साथ ही इसे राज्य की छवि खराब करने की कोशिश करार दिया है. इस तरह टाटा जेएमएम विवाद (Tata JMM controversy in Jharkhand) नया मोड़ लेता नजर आ रहा है.

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क्या है मामला

दरअसल, ग्रेड तीन और चार में 75 फीसदी पद मूलवासियों के लिए आरक्षित करने और टाटा मोटर्स (TATA Motors), टाटा कमिंस कंपनी के जमशेदपुर मुख्यालय को पुणे शिफ्ट करने के निर्णय का सत्तारूढ़ दल झामुमो विरोध कर रहा है. झामुमो का कहना है कि टाटा की कंपनी मनमानी कर रहीं हैं और 75 फीसदी पद मूलवासियों के लिए आरक्षित न करना पड़े इसलिए वो अपना कार्यालय महाराष्ट्र के पुणे में शिफ्ट कर रहीं हैं.

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इसी को लेकर झामुमो की कार्यसमिति में मंगलवार को आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया गया था. इसके बाद से आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. चैम्बर ऑफ कॉमर्स और मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने JMM के इस फैसले की निंदा की है और टाटा जैसे सम्मानित उद्योग घराने को प्रताड़ित न करने की अपील की है.

मिथिलेश ठाकुर ने किया पार्टी के फैसले का बचाव

इधर राज्य सरकार के मंत्री और झामुमो नेता मिथिलेश ठाकुर ने टाटा के खिलाफ चलाए जा रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा के आंदोलन को सही करार दिया है. उनका कहना है कि किसी भी कंपनी को यह अधिकार नहीं है कि यहां की खनिज संपदा का दोहन करे, प्रदूषण फैलाये और फायदा दूसरे राज्य को पहुंचाए. झारखंड मुक्ति मोर्चा टाटा कंपनी की मनमानी नहीं करने देगी. अभी आंदोलन शुरुआती दौर में है ,बहुत जल्द इसे और तेज किया जाएगा.

राज्य की छवि खराब कर रही प्रदेश सरकारः भाजपा प्रवक्ता

इधर प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि एक तरफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन निवेश को बढ़ाव देने के लिए बड़ी-बड़ी कंपनियों को आमंत्रित कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ केंद्र की योजना के बाद अब पूर्ववर्ती सरकार में टाटा कंपनी को दी गई रांची के कैंसर अस्पताल की जमीन को वापस लेने की तैयारी की जा रही है. बीजेपी मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा कि इससे राज्य की छवि खराब होगी.

टाटा संग ज्यादती ठीक नहींः झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स

झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स ने भी टाटा के खिलाफ चल रहे आंदोलन की निंदा की है. झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स (Jharkhand Chamber of Commerce) के उपाध्यक्ष दिनदयाल वर्णवाल ने कहा कि टाटा घराना किसी भी स्टेट का सम्मान बढ़ाने वाला है. ऐसे में इस घराने के साथ ज्यादती करना कहीं न कहीं राजनीतिक चाल है, जो बेहद ही निंदनीय है. सरकार को इससे ऊपर उठकर काम करना चाहिए.

रांची में निर्माणाधीन टाटा कैंसर अस्पताल तक पहुंची आंच

टाटा विवाद की आंच रांची में बन रहे टाटा कैंसर अस्पताल रांची तक पहुंच गई है. टाटा कैंसर अस्पताल के लिए आवंटित 23.5 एकड़ जमीन की सरकारी लीज पर स्वास्थ्य विभाग ने सवाल खड़े कर दिए हैं. कांके के सुकुरहूटू में टाटा के हॉस्पिटल के लिए पिछली सरकार में जमीन 1 रुपया टोकन मनी पर 30 साल की लीज पर दी गई थी. स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि टाटा ट्रस्ट को आवश्यकता से अधिक बेशकीमती जमीन आवंटित कर दी गई है.

Last Updated : Nov 24, 2021, 7:25 PM IST

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