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झारखंड में पेट्रोल के दाम में राहत पर सियासत, बीजेपी ने सरकार की घोषणा को बताया झूठ का पुलिंदा

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Published : Dec 29, 2021, 6:52 PM IST

Updated : Dec 29, 2021, 8:18 PM IST

झारखंड में पेट्रोल के दाम में राहत पर सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने सरकार की घोषणा को झूठ का पुलिंदा बताते हुए जनता को ठगने का आरोप लगाया है.

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पेट्रोल के दाम में राहत पर सियासत

रांची: झारखंड में पेट्रोल के दाम में राहत पर सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी ने हेमंत सोरेन के उस घोषणा पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है जिसमें गरीबों के लिए 25 रुपया प्रति लीटर उनके बैंक खाते में दिये जाने का ऐलान किया गया है. प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने राज्य सरकार के इस घोषणा को झूठ का पुलिंदा बताया है और कहा है कि सरकार पहले की तरह ही इस बार भी जनता को ठगने का काम करेगी.

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डीजल पर वैट कम करे सरकार

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि पेट्रोल डीजल पर लगने वाले वैट को कम करने की मांग बीजेपी करती रही है इसे यदि कम किया जाता तो जनता को राहत मिलती. मगर ऐसा हुआ नहीं. दीपक प्रकाश ने सरकार दूसरे वर्षगांठ पर करोड़ो रूपये खर्च करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने सिर्फ और सिर्फ जनता को से गुमराह किया है. वर्षगांठ समारोह के माध्यम से जनता के सामने झूठ का पुलिंदा परोसा गया है. यह सरकार मुंगेरी लाल के हसीन सपने दिखाने में माहिर है. झूठे वायदे और वायदों से मुकरना इस सरकार की नीयत और नीति में शामिल है.

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राज्य में भ्रष्टाचार का बोलबाला

दीपक प्रकाश ने आरोप लगाया कि राज्य में खनिज संपदा की लूट, पंचायत स्तर तक फैले भ्रष्टाचार, सड़क बिजली, पानी, चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाओं की जर्जर स्थिति पर सरकार मौन साध कर बैठी है. उन्होंने कहा कि सरकार जेपीएससी में हुए भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा को जस्टिफाई करती है. बलात्कार और उग्रवाद की बढ़ती घटनाओं पर सरकार चुप्पी साध लेती है.

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सीएम के चहतों पर केस नहीं

दीपक प्रकाश ने कहा कि एसटीएससी न्यायालय के आदेश के वावजूद मुख्यमंत्री के चहेतों पर अबतक केस दर्ज नही होना यह साबित करता है कि यह सरकार आदिवासी दलित विरोधी नीयत वाली सरकार है. धान के बकाये पैसे,पूरे राज्य में क्रय केंद्रों की कमी, किसानों के ऋण माफी के वादों पर सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है. युवाओं पर लाठी बरसाने वाली सरकार, छठ,दीपावली ,दशहरा पर्व में भी युवाओं पर बेरहम रहने वाली सरकार को बताना चाहिए कि प्रतिवर्ष 5लाख नौकरी ,बेरोजगारी भत्ता का क्या हुआ. संविदाकर्मियों, सहायक पुलिसकर्मी सचिव,अभ्यर्थियों,सहित अन्य रद्द नियुक्तियों पर भी सरकार के मुखिया मौन क्यों रहे.

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खाली हैं कई महत्वपूर्ण पद

उन्होंने कहा कि लोकायुक्त ,मुख्य सूचना आयुक्त, सूचना आयुक्त की नियुक्ति ,महिला आयोग, बाल संरक्षण आयोग जैसे संस्थाओं के महत्वपूर्ण पदों का खाली रहना सरकार की असंवेदनशीलता को उजागर करता है. उन्होंने कहा कि कोरोना जांच मशीन खरीद नही हो रही, पेट्रोल डीजल पर वैट घटा नही और फिर से नई घोषणाओं के साथ जनता को छलने की तैयारी हो रही. बेरोजगारी भत्ता, किसान ऋण माफी की तर्ज पर पेट्रोल में छूट भी नियमों और पाबंदियों, शर्तों के मकड़जाल में फिसड्डी साबित होगी.

Last Updated : Dec 29, 2021, 8:18 PM IST

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