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Jharkhand Politics: महंगाई और पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत पर सियासत, कोई गरम तो कोई नरम! - सीएम हेमंत सोरेन

महंगाई और पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमत (Inflation and Hike in Petrol-Diesel Prices) का असर झारखंड की सियासत (Jharkhand Politics) पर भी दिख रहा है. प्रदेश की विपक्षी दल बीजेपी अन्य मुद्दों पर महागठबंधन की सरकार पर पूरी तरह से मुखर तो नजर आ रही है. लेकिन राज्य के ज्वलंत मुद्दों पर कई सियासी दल ऐसे हैं जो सांसत में है. उनका रूख किसी के लिए नरम तो किसी के लिए गरम है.

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Published : Jul 23, 2021, 9:04 PM IST

रांचीः आसमान छू रही महंगाई और उसपर क्रूड ऑयल का अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत कम होने के बावजूद हर दिन बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल की कीमत से आम लोग परेशान हैं. देशभर में इसको लेकर राजनीति हो रही है. झारखंड में भी कांग्रेस, लेफ्ट और राजद जैसी पार्टियां मुखर तरीके से इसे मुद्दा बना रही हैं. पार्टी के नेता-कार्यकर्ता और अलग-अलग विंग और प्रकोष्ठों के नेता कार्यकर्ता पुतला दहन से लेकर मार्च तक का रहे हैं तो राजद ने भी अगस्त महीने में प्रदर्शन की घोषणा कर दी है.

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महंगाई और पेट्रोल-डीजल के बढ़ रहे दाम पर आक्रामक नहीं दिखता जेएमएम!
इन सबके बीच एक बात जो नोटिस करने वाली है, वह यह कि झारखंड की मुख्य सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) का रुख पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम के साथ-साथ खाद्यान्न, सरसों तेल के बढ़े दाम जैसे मुद्दों पर बेहद नरम है. भाजपा (BJP) भी जेएमएम से ज्यादा कांग्रेस (Congress) और आरजेडी (RJD) को निशाने पर रखा है. लेकिन सबसे अधिक दुविधा कांग्रेस की है, जिसे भाजपा का विरोध भी करना है और यह भी नहीं कहना है कि सहयोगी दल झामुमो का सहयोग नहीं मिल पा रहा है, शायद इसे ही सत्ता की मजबूरी कहा जाता है.

पार्टी कार्यालय में होने वाले प्रेस कॉन्फ्रेंस तक सिमटा झामुमो का विरोध
महंगाई के मुद्दे पर बीजेपी और केंद्र सरकार का विरोध करने वाली सत्ताधारी दल जेएमएम का मुखर रूप रांची के बरियातू स्थित केंद्रीय पार्टी कार्यालय में होने वाला प्रेस कॉन्फ्रेंस तक ही सिमटा रहा. झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय (JMM Central Spokesperson Manoj Pandey) महंगाई जैसे मुद्दे पर भी आंदोलन की पार्टी कही जाने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा के नरम रुख के सवाल पर कहते हैं कि ऐसा नहीं है, हर मुद्दे पर पार्टी के केंद्रीय महासचिव प्रेस के माध्यम से करते हैं, मुख्यमंत्री भी अपने तरीके से समय-समय पर केंद्र की सरकार की नीतियों का विरोध करते हैं.

जानकारी देते झामुमो प्रवक्ता

उन्होंने कोरोना (Corona) का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र की नीतियों से झामुमो के प्रखंड-जिला स्तर के कार्यकर्ता उबल रहे हैं और वह गोलबंद भी हो रहे हैं. जल्द ही झामुमो भी केंद्र की जनविरोधी नीति का विरोध करेगा.

भाजपा भी झामुमो पर नरम और राजद-कांग्रेस पर गरम
राज्य में झामुमो सबसे बड़ा और सत्ताधारी दल है, हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के नेतृत्व में सरकार चल रही है. लेकिन मुख्य विपक्षी दल भाजपा के निशाने पर झामुमो कम और कांग्रेस-राजद ज्यादा रहता है. भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू (BJP State General Secretary Aditya Sahu) ने कहा कि कि कांग्रेस और राजद विकास विरोधी हैं और वह हमेशा भ्रम की राजनीति करते हैं. महंगाई पर झामुमो के नरम रुख के सवाल को भी भाजपा नेता गोल गोल घुमाते हुए जवाब देते दिखे.

जानकारी देते हुए बीजेपी महामंत्री

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सबसे खराब स्थिति कांग्रेस-राजद की
राज्य में सत्ताधारी दल होने के बावजूद कांग्रेस और राजद के नेताओं को सबसे ज्यादा दुविधा में है. सत्ता में रहकर भी विपक्ष जैसी राजनीति उनके कार्यकर्ताओं को सड़क पर उतर कर करना पड़ रहा है. उन्हें किसी तरह यह भी साबित करना पड़ रहा है कि महंगाई और पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम, पेगासस जासूसी कांड जैसे मुद्दे पर झामुमो भी आंदोलित है.

जानकारी देते कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता

यह और बात है कि कांग्रेस के नेताओं को यह भी याद नहीं है कि हाल के दिनों में किस मुद्दे पर झामुमो ने जनांदोलन किया था. ईटीवी भारत के सवाल पर ऐसे एक भी मुद्दा, जिस पर झामुमो ने आंदोलन किया हो वह बताएं तो उन्हें ऐसा एक भी वाकया याद नहीं आया.

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