रांचीः आसमान छू रही महंगाई और उसपर क्रूड ऑयल का अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत कम होने के बावजूद हर दिन बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल की कीमत से आम लोग परेशान हैं. देशभर में इसको लेकर राजनीति हो रही है. झारखंड में भी कांग्रेस, लेफ्ट और राजद जैसी पार्टियां मुखर तरीके से इसे मुद्दा बना रही हैं. पार्टी के नेता-कार्यकर्ता और अलग-अलग विंग और प्रकोष्ठों के नेता कार्यकर्ता पुतला दहन से लेकर मार्च तक का रहे हैं तो राजद ने भी अगस्त महीने में प्रदर्शन की घोषणा कर दी है.
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महंगाई और पेट्रोल-डीजल के बढ़ रहे दाम पर आक्रामक नहीं दिखता जेएमएम!
इन सबके बीच एक बात जो नोटिस करने वाली है, वह यह कि झारखंड की मुख्य सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) का रुख पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम के साथ-साथ खाद्यान्न, सरसों तेल के बढ़े दाम जैसे मुद्दों पर बेहद नरम है. भाजपा (BJP) भी जेएमएम से ज्यादा कांग्रेस (Congress) और आरजेडी (RJD) को निशाने पर रखा है. लेकिन सबसे अधिक दुविधा कांग्रेस की है, जिसे भाजपा का विरोध भी करना है और यह भी नहीं कहना है कि सहयोगी दल झामुमो का सहयोग नहीं मिल पा रहा है, शायद इसे ही सत्ता की मजबूरी कहा जाता है.
पार्टी कार्यालय में होने वाले प्रेस कॉन्फ्रेंस तक सिमटा झामुमो का विरोध
महंगाई के मुद्दे पर बीजेपी और केंद्र सरकार का विरोध करने वाली सत्ताधारी दल जेएमएम का मुखर रूप रांची के बरियातू स्थित केंद्रीय पार्टी कार्यालय में होने वाला प्रेस कॉन्फ्रेंस तक ही सिमटा रहा. झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय (JMM Central Spokesperson Manoj Pandey) महंगाई जैसे मुद्दे पर भी आंदोलन की पार्टी कही जाने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा के नरम रुख के सवाल पर कहते हैं कि ऐसा नहीं है, हर मुद्दे पर पार्टी के केंद्रीय महासचिव प्रेस के माध्यम से करते हैं, मुख्यमंत्री भी अपने तरीके से समय-समय पर केंद्र की सरकार की नीतियों का विरोध करते हैं.