रांचीः शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में विपक्ष के हमले से बचने के लिए रणनीति बनाने के लिए बुलाई गई सत्तारूढ़ दलों की बैठक से कांग्रेस विधायकों की अनुपस्थिति ने यूपीए के अंदर ऑल इज नॉट वेल का संकेत दे रही है. गुरुवार देर रात तक सीएम आवास पर हुई यूपीए मीटिंग में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने सबसे बड़े घटक दल कांग्रेस का इंतजार करते रहे. झामुमो और राजद विधायकों के साथ किसी तरह बैठक की औपचारिकता पूरी कर कांग्रेस के रुख पर भी चर्चा हुई.
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कांग्रेस दे रही सफाई, बीजेपी कस रही तंज
इधर शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विधानसभा पहुंचे कांग्रेस विधायक मीडिया के सवालों का जवाब देने से मूंह छुपाते नजर आये. कांग्रेस के विधायक और मंत्री यूपीए बैठक से कांग्रेस के नदारद रहने का जवाब अपने विधायक दल के नेता आलमगीर आलम पर थोप रहे थे. कांग्रेस विधायक और मंत्री का यह जवाब साफ संकेत दे रहा था कि बात तो कुछ है, जिसको लेकर कांग्रेस सरकार से खफा है.
इधर कांग्रेस के इस रुख को बीजेपी प्रेशर पॉलिटिक्स मान रही है. बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी के अनुसार कांग्रेस सरकार के अंदर एजेंडा के तहत दवाब बनाने में जुटी है, जिसका खुलासा करना चाहिए. वहीं कांग्रेस के रुख को नजदीक से टटोलने में लगे झामुमो विधायक, मंत्री का मानना है कि कांग्रेस की अपनी बैठक थी, जिसके कारण सत्तापक्ष की बैठक में वह लोग गुरुवार को नहीं आ पाये थे. दरअसल जेपीएससी एवं अन्य मुद्दों पर कांग्रेस सरकार के अंदर दवाब बनाने में जुटी है. कांग्रेसी अपनी ही सरकार में बातों की हो रही अनसूनी से खफा है और गुरुवार को देर शाम कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम के आवास पर अलग से बैठक कर रणनीति बनाते दिखे.