रांची: कोरोना संक्रमण के बीच रांची पुलिस लाइन में टेंट में रह रहे 150 से अधिक पुलिसकर्मियों को बड़ी राहत मिली है. डीआईजी के आदेश के बाद सभी पुलिसकर्मियों को अलग-अलग जगह पर शिफ्ट कर दिया गया है. गौरतलब है कि इस कोरोना संक्रमण और बरसात में भी पुलिस वाले लगातार टेंट में रहने को विवश थे.
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तीन जगहों पर किया गया शिफ्ट
कांके रोड स्थित पुलिस लाइन में बैरक में जगह नहीं रहने के कारण टेंट में रह रहे करीब 150 पुलिसकर्मी को तीन अलग-अलग जगहों पर शिफ्ट कर दिया गया है. टेंट में रहने वाले जवानों को रांची के मारवाड़ी कॉलेज, एसएस मेमोरियल कॉलेज और सीसीआर स्थित पुराने हॉल में शिफ्ट किया गया है.
जगह की कमी के वजह से सालों से रह रहे थे टेंट में
गौरतलब है कि बैरक में जगह नहीं रहने के कारण पुलिस के जवान टेंट में रहने को मजबूर थे. ऐसे में कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता था. बारिश के मौसम में तेज बारिश होने के बाद टेंट के अंदर तक पानी भर जाता था. टेंट के आसपास में बड़े-बड़े घास उगे थे. वहीं, जवानों को बारिश होने पर सांप-बिच्छू के आने का डर सताता रहता था. ड्यूटी से आने के बाद कई पुलिसकर्मी अच्छे से सो भी नहीं पाते थे. अभी के समय में पुलिसकर्मियों को एक तो कोरोना वायरस के संक्रमण का डर सता रहा है, वहीं, टेंट में रहने की वजह से सांप, बिच्छू का भी हमेशा डर लगा रहता था. पुलिस लाइन स्थित बैरक की हालत इतनी खराब है कि एक-एक बैरक में 50 से ज्यादा पुलिसकर्मियों के रहने को मजबूर थे.
पुलिस एसोसिएशन ने बैरक निर्माण की मांग की
पुलिस लाइन में जवानों को रहने के लिए जगह की कमी को लेकर पुलिस मेंस एसोसिएशन ने एसएसपी सुरेंद्र झा को पत्र लिखा है, जिसमें बताया गया है कि पर्याप्त बैरक नहीं होने के कारण काफी संख्या में पुलिसकर्मी गर्मी, जाड़ा, बरसात में टेंट में रहने को मजबूर हैं. ऐसे में जवानों को कई तरह के कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. वही आंधी तूफान चलने पर टेंट फट जाता है ऐसे में बारिश का पानी बेड पर गिरने लगता है. बारिश में सांप बिच्छू का खतरा हमेशा मंडराते रहता है. टेंट में रहने वाले पुलिसकर्मी अक्सर बीमार भी हो जाते हैं. ऐसे में रांची पुलिस के लिए बैरक निर्माण की आवश्यकता पर ध्यान दिया जाए.