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झारखंड पुलिस में अनुसंधान के स्तर को सुधारने की पहल, राज्य के हर जिले में होगा अलग अनुसंधान विंग

झारखंड पुलिस में अनुसंधान के स्तर को सुधारने के लिए हर जिले में अनुसंधान विंग बनाने का निर्देश डीजीपी एमवी राव ने गृह विभाग के आदेश के बाद दिया है. इस संबंध में डीजीपी ने सभी जिलों के एसपी को आदेश जारी कर दिया है.

police Research wing will be created in every district of the state
police Research wing will be created in every district of the state

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Published : Oct 9, 2020, 8:42 PM IST

रांची: झारखंड पुलिस में अनुसंधान के स्तर को सुधारने के लिए हर जिले में अनुसंधान विंग बनाया जाएगा. झारखंड के डीजीपी एमवी राव ने गृह विभाग के आदेश के बाद इस संबंध में सभी जिलों के एसपी को आदेश जारी कर दिया है.

क्या है डीजीपी के आदेश में

डीजीपी के आदेश के अनुसार प्रत्येक जिले में एसपी तत्काल अनुसंधान विंग गठित करें. अनुसंधान विंग में इंस्पेक्टर, दरोगा, हवलदार,आरक्षी और सशस्त्र बलों की प्रतिनियुक्ति होगी. प्रत्येक अनुसंधान विंग के प्रभारी इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी होंगे. डीजीपी के आदेश के मुताबिक विधि व्यवस्था से संबंधित कार्यों से पूर्णतया मुक्त होकर महत्वपूर्ण और संवेदनशील कांडो का अनुसंधान विंग के माध्यम से त्वरित गति से प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा.

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कैसे काम करेगा अनुसंधान विंग

झारखंड के प्रत्येक जिले में अनुसंधान विंग के लिए अलग कार्यालय खोले जाएंगे. अनुसंधान विंग के पदाधिकारी विशेष श्रेणी के जघन्य अपराध जैसे हत्या, डकैती, लूट, बलात्कार फिरौती के लिए अपहरण, महत्वपूर्ण आर्थिक अपराध और साइबर अपराध का अनुसंधान करेगी. कांड का चयन करना जिले के एसपी के जिम्मे होगा. अनुसंधान विंग के अधिकारियों से जिले में विधि व्यवस्था की ड्यूटी नहीं ली जाएगी. अनुसंधान के पदाधिकारियों का कार्यकाल 3 साल का होगा, वहीं, अधिकारियों को गंभीर आरोप या विशेष परिस्थितियों में ही अनुसंधान विंग से हटाया जा सकेगा.

एक माह में गठन कर मुख्यालय को देनी है रिपोर्ट

डीजीपी ने अपने आदेश में कहा है कि प्रत्येक जिले के एसपी अपने जिलों में अनुसंधान विंग का गठन कर एक माह के अंदर पुलिस मुख्यालय को सूचित करें. जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि प्राथमिकता के आधार पर विंग का गठन किया जाए. आदेश में यह भी कहा गया है कि इस विंग में वैसे अधिकारियों को शामिल करें जो बेहतर अनुसंधान में दक्ष हैं.

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