रांची: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में पांचवे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य कार्यक्रम 21 जून शुक्रवार को रांची के प्रभात तारा मैदान में होगा. मुख्य मंच पर प्रधानमंत्री के साथ झारखंड की राज्यपाल, झारखंड के मुख्यमंत्री, झारखंड के आयुष मंत्री और केंद्र के आयुष मंत्री योगासन करेंगे.
मेगा मेगा इवेंट नाम दिया गया
रांची के उपायुक्त राय महिमापत रे ने कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर मीडिया ब्रीफिंग की. उपायुक्त ने इसे मेगा मेगा इवेंट नाम दिया है. उन्होंने कहा कि शुक्रवार के कार्यक्रम के दौरान जो लोग भी आएंगे उनके लिए जगह पहले से निर्धारित है. आमलोगों को किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए 400 शौचालय की व्यवस्था की गई है. 200 पेयजल पॉइंट बनाए गए हैं और सौ वाटर टैंकर की व्यवस्था की गई है.
अलग-अलग कुल 11 गेट बनाए गए
आठ मेडिकल टीम के अलावा 20 एंबुलेंस तैनात रहेंगे. कुल 80 एंट्री प्वाइंट बनाए गए हैं. एंट्री प्वाइंट तक पहुंचने के लिए अलग-अलग कुल 11 गेट बनाए गए हैं. किसी कारणवश जिनका रजिस्ट्रेशन कार्ड नहीं बन पाया है वैसे लोगों को जेएससीए स्टेडियम और सन थॉमस स्कूल के कैंपस में व्यवस्था की गई है. इन जगहों पर एलईडी लगाया गया है जहां लोग पीएम को देखते हुए योगासन कर सकेंगे. डीसी के मुताबिक प्रभात तारा मैदान में कुल 28,000 लोगों के योगासन की व्यवस्था की गई है और दो अन्य जगहों पर 12,000 लोग शामिल हो सकते हैं.
सुबह 4 बजे तक निर्धारित गेट पर पहुंचना जरूरी
उपायुक्त ने बताया कि आम लोग सुबह 3 बजे से 4 बजे तक ही एंट्री कर पाएंगे. 4 बजे के बाद रजिस्ट्रेशन के बावजूद कार्यक्रम स्थल पहुंचने वाले लोगों को एंट्री नहीं दी जाएगी. क्योंकि 4 बजे से 5 बजे तक सुरक्षा जांच होनी है. कार्यक्रम स्थल पहुंचने पर आम लोगों को एक फल, एक ग्लूकोज बिस्किट और छांछ दिया जाएगा. हालांकि डीसी ने उम्मीद जताई है कि योगा के बाद ही लोगों को इसका सेवन करना चाहिए. खास बात है कि प्रशासन ने सैनिटाइज्ड एरिया में भी 200 शौचालय की व्यवस्था की है. सुरक्षा जांच के बाद अपने निर्धारित जगह पर पहुंचे लोगों को अगर शौचालय के इस्तेमाल की जरूरत पड़ती है तो उन्हें कार्यक्रम स्थल से बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी.
सियाचिन और पाकिस्तान बॉर्डर पर सेवा देने वाले जवान भी शामिल होंगे
इस आयोजन में सियाचिन और पाकिस्तान बॉर्डर पर सेवा देने वाले बड़ी संख्या में आर्मी के जवान भी शामिल होंगे. इसके साथ-साथ अन्य सुरक्षा बलों के जवान के अलावा स्कूली बच्चे, महिलाएं, शहरी और ग्रामीण इलाकों के लोग भाग ले सकेंगे.