रांची: दिल्ली की निर्भया के दोषियों को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है. 22 जनवरी को चारों दोषियों को सुबह के 7:00 बजे फांसी दी जाएगी. फांसी की खबर सुनाए जाने के बाद पूरे देश के लोगों में न्याय के प्रति लोगों का भरोसा मजबूत हुआ है. रांची के व्यवहार न्यायालय से भी दुष्कर्म के दो मामलों में दोषियों को फांसी की सजा हो चुकी है. ऐसे में लोगों में न्यायालय के प्रति और भी विश्वास बढ़ा है.
फांसी की सजा
रांची के व्यवहार न्यायालय से हाल के दिनों में दो चर्चित मामलों में फांसी की सजा सुनाई गई है.12 फरवरी 2018 को गांधी उरांव को नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के आरोप में दोषी पाते हुए न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने पोक्सो एक्ट के तहत फांसी की सजा सुनाई.
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पहली घटना
बता दें कि 19 मार्च 2014 की रात गांधी उरांव ने कांटा टोली कब्रिस्तान में 8 वर्षीय नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना को अंजाम दिया था. पोस्को के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत से दोषी को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद मामला अभी हाई कोर्ट में लंबित है.
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दूसरी वारदात
वहीं, दूसरी घटना बूटी मोड़ के निर्भया मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अनिल कुमार मिश्र की अदालत ने 21 दिसंबर 2019 को दोषी राहुल राज को दोषी पाते हुए फांसी की सजा सुनाई है. यह मामला 15 दिसंबर 2016 का है, जब बूटी मोड़ स्थित किराये के मकान में रह रही बीटेक की छात्रा के साथ युवक ने दुष्कर्म करने के बाद उसे जिंदा जलाकर मार डाला था.18 महीने की जांच के बाद पुलिस के हाथ खाली थे. इसके बाद राज्य सरकार ने जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा. सीबीआई ने आरोपी को गिरफ्त में लेकर न्यायालय में पेश किया और न्यायालय में स्पीडी ट्रायल के जरिए त्वरित कार्रवाई करते हुए दोषी को सजा-ए-मौत का फैसला सुनाया.