रांची: अनलॉक के दौरान झारखंड में लगातार कोरोना पॉजिटिव मामले बढ़ रहे हैं. हर दिन लगभग 50 से अधिक कोरोना पॉजिटिव के मामले झारखंड में आ रहे हैं. अब तक 11 लोग अपनी जान भी गवां चुके हैं, लेकिन इन सबके बावजूद सड़कों पर लोग कोरोना को लेकर लगातार लापरवाही बरत रहे है. आलम यह है कि अब मास्क नहीं पहनने को लेकर लोगों को गिरफ्तार तक करना पड़ रहा है.
आंकड़े भयवाह, लेकिन हो रही लापरवाहीझारखंड में पिछले दो सप्ताह के दौरान ही कोरोना पॉजिटिव मामलों की संख्या दोगनी हो गई है. हर दिन 50 से अधिक लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं. 11 लोगों ने इस बीमारी की वजह से अपनी जान भी गंवा दी है. यह आंकड़े हर दिन बढ़ भी रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद घरों से बाहर निकलने वाले लोग सुरक्षा के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं.
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क्या कहते हैं आंकड़े
डीजीपी के आदेश के बाद पूरे झारखंड में 10 जून से मास्क नहीं पहनने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है. मात्र 9 दिनों में ही झारखंड के अलग-अलग जिलो से डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 की धारा 51, महामारी अधिनियम 1897 की धारा 3, आईपीसी की धारा 269, 270 और 188 के तहत 100 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं. रांची में तो दो लोगों की गिरफ्तारी भी हुई, जिन्हें बाद में जमानत पर छोड़ा गया.
ट्रैफिक नियम का भी हो रहा उल्लंघन, लॉकडाउन के चार चरण में करोड़ों का फाइन कटाकोविड-19 के दौरान लगे लॉकडाउन से अब तक 6 करोड़ से अधिक की फाइन वसूली ट्रैफिक पुलिस ने की है. लॉकडाउन के दूसरे चरण तक रांची शहरी क्षेत्र में ट्रैफिक पुलिस ने 3.78 करोड़ की वसूली की थी. वहीं 4 मई से 17 मई तक लॉकडाउन के तीसरे चरण में पुलिस ने रांची में सिर्फ एक करोड़ 86 लाख 46 हजार रुपए की वसूली की थी. जून के 10 तरीख तक यह आंकड़ा 6 करोड़ पहुंच चुका है. इस दौरान 9011 लोगों ने ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन किया था. पुलिस मुख्यालय से मिले आंकड़े बताते हैं कि इस दौरान पुलिस ने 1965 लोगों को बिना लाइसेंस के पकड़ा, बगैर हेलमेट बाइक चलाते 3547 लोगों को पुलिस ने पकड़ा. सबसे हैरानी की बात है कि इनमें से अधिकांश लोगों ने मास्क भी नहीं पहना था.
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पुलिस की सख्ती भी जारी
झारखंड में मास्क नहीं पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वालों पर पुलिस लगातार सख्ती बरत रही है. सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर पुलिस डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 की धारा 51, महामारी अधिनियम 1897 की धारा 3, आईपीसी की धारा 269, 270 और 188 के तहत एफआईआर भी दर्ज कर रही है. कई जगह खुद जिलों के पुलिस अधीक्षकों को भी सड़कों पर उतर कर लोगों को समझाना पड़ रहा है, लेकिन इसके बावजूद राजधानी रांची सहित कई जगहों पर लोग समझने को तैयार नहीं हैं. कई जगह पर न तो लोग मास्क पहन रहे हैं और न ही सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कर रहे हैं.
कोरोना काल में जनता की लापरवाही आदेश जारी हुआ थाइस संबंध में पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को आदेश जारी कर दिया था. आदेश में यह भी लिखा गया था कि जरूरत पड़ने पर 144 के तहत निषेधाज्ञा की कार्रवाई भी जिले के एसपी कर सकते हैं. डीजीपी एमवी राव के आदेश पर राज्य पुलिस के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर मुरारी लाल मीणा ने इस संबंध में सभी जिलों के एसपी को पत्र भी भेजा था. आदेश के मुताबिक, 10 जून के बाद यदि कोई भी शख्स बगैर मास्क या सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करता नहीं पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी है.
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महामारी रोकने में आ रही है समस्या
इस संबंध में झारखंड के डीजीपी ने भी चिंता जताई थी और अपने आदेश में यह लिखा भी था कि कुछ सार्वजनिक स्थलों और लॉकडाउन से मुक्त प्रतिष्ठानों में मास्क लगाने और सामाजिक दूरी बनाए रखने संबंधी निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है. इन निर्देशों का पालन नहीं होने के कारण कोविड-19 रोकने में समस्या उत्पन्न हो सकती है. दुकानों में खासकर सामाजिक दूरी यानी 2 गज की दूरी में रहने और एक दुकान में अधिकतम एक बार में 5 लोगों से अधिक न होने के नियम का पालन भी नहीं हो रहा है.
लगातार जागरूक कर रही पुलिस
झारखंड के सभी जिलों के एसपी अपनी टीम के साथ मिलकर कोरोना को लेकर लोगों को जागरूक भी कर रही है. पुलिस लगातार लोगों को यह समझा रहे हैं कि अगर वे मास्क नहीं पहनते हैं और सामाजिक दूरी का पालन नहीं करते हैं, तो वे बीमारी के शिकार हो जाएंगे, साथ उन पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है. सभी जिले के एसपी थाना के वाहन और पीसीआर में ध्वनि विस्तारक यंत्र लगाकर चौक-चौराहों पर जागरूकता अभियान भी चलवा रहे है.
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निजी एनजीओ भी कर रहे जागरूक
वहीं, मास्क पहनने के लिए प्रेरित करने के लिए पुलिस वाले कई एनजीओ की मदद भी ले रहे हैं. कई जागरूक लोग तो रात के समय सड़कों पर अभी भी स्लोगन लिख रहें, ताकि लोग अपनी लापरवाही छोड़ सुरक्षा के नियमों का पालन करें.
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सुरक्षा मानकों का सभी पालन करें
झारखंड में दिन-प्रतिदिन कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. ऐसे में भी अगर लोग लापरवाही बरत रहे हैं तो वे अपनी जान तो खतरे में डालेंगे ही साथ-साथ अपने परिवार की जान भी खतरे में डाल रहे हैं. ऐसे में जरूरी है कि कोरोना वायरस के लिए बनाए गए सुरक्षा मानकों का सभी पालन करें, ताकि सभी सुरक्षित रह सकें.