झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / city

रांची में मधुमक्खी पालन विषय पर ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू, कई वैज्ञानिकों ने लिया हिस्सा

रांची में मधुमक्खी पालन विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आरंभ किया गया. इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न भागों से आए वैज्ञानिकों, उद्यमियों, स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं और किसानों ने हिस्सा लिया.

online training program started on the subject of bee keeping in ranchi
बीएयू

By

Published : Apr 16, 2021, 7:51 PM IST

रांची: मधुमक्खी पालन विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम ऑनलाइन मोड में शुक्रवार को शुरू किया गया है. इस विषय पर नाहेप-कास्ट के प्रधान अन्वेषक डॉ. एमएस मलिक ने कहा कि फसलों में 70-80% पर परागण मधुमक्खी ही करती है. शहद, रॉयल जेली और मधुमक्खी वैक्स जैसे उत्पाद उपलब्ध कराती है. जिसकी औषधि और सौंदर्य प्रसाधन उद्योग में काफी मांग है.

ये भी पढ़ें-झारखंड में बदला मौसम का मिजाज, अगले 3 दिनों तक बारिश के साथ वज्रपात की आशंका

डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, समस्तीपुर, बिहार के वैज्ञानिक डॉ. मनोज कुमार ने 'मधुमक्खी ईकाई की स्थापना और परागण में इसका महत्व' विषय पर अपने विचार रखा है. उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन प्रारंभ करने का सर्वोत्तम समय सितंबर-अक्टूबर और फरवरी-मार्च है. जिस समय खेतों और जंगलों में प्रचुरता में हरियाली रहती है. उन्होंने मधुमक्खियों की ओर से प्याज, गाजर, सरसों, लीची और फूलगोभी फसल के परागन के महत्व पर विशेष प्रकाश डाला है.


मधुमक्खी पालन की प्रचुर संभावना
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के ही अवकाश प्राप्त प्रोफेसर डॉ. रामाश्रित सिंह ने कहा कि झारखंड और छत्तीसगढ़ में करंज और वनतुलसी के क्षेत्र में मधुमक्खी पालन की प्रचुर संभावना है. औषधीय गुणों के कारण इनका बाजार मूल्य भी अच्छा मिलता है लेकिन किसानों में जागरूकता की कमी है. इसके साथ ही सुविधा संपन्न प्रशिक्षण केंद्र उपलब्ध नहीं रहने के कारण किसान मधुमक्खी पालन की आधुनिक तकनीकों और प्रसंस्करण विधियों से अवगत नहीं हो पाते और आय के इस महत्वपूर्ण स्रोत का लाभ नहीं उठा पाते.

कई लोगों ने लिया भाग
बीएयू के कीट विज्ञान विभाग के वरीय वैज्ञानिक डॉ. मिलन कुमार चक्रवर्ती ने मधुमक्खी के प्राकृतिक रोगों और उनके प्रबंधन पर अपने विचार रखे. शेर-ए-कश्मीर कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, जम्मू के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दविंदर सिंह ने प्रशिक्षणार्थियों को मधुमक्खी पालन में रिकॉर्ड कीपिंग की विधियों और महत्ता से अवगत कराया. इस ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश के विभिन्न भागों से 50 वैज्ञानिकों, उद्यमियों, स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं और किसानों ने भाग लिया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details