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झारखंड कांग्रेस में एक कप्तान,04 उपकप्तान, पर 2016 के बाद नहीं बनीं पूरी टीम, जानिए क्या है वजह

झारखंड में कांग्रेस जहां संगठन विस्तार के दावे कर रही है वहीं पार्टी के कार्यसमिति के गठन नहीं होने पर सवाल उठाए जा रहे हैं. पार्टी नेताओं की नाराजगी से बचने के लिए कई प्रदेश अध्यक्ष कार्यसमिति के गठन से बचते रहे हैं. बीजेपी ने प्रदेश कार्यसमिति नहीं बना पाने की कांग्रेस की नाकामी पर तंज कसा है.

Jharkhand Congress
झारखंड कांग्रेस

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Published : Jul 10, 2022, 12:21 PM IST

Updated : Jul 10, 2022, 2:38 PM IST

रांची: झारखंड में सत्ताधारी दल की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी झारखंड कांग्रेस इन दिनों संगठन विस्तार पर खासा जोर दे रही है. आए दिन चिंतन शिविर से लेकर संवाद कार्यक्रम तक आयोजित किये जा रहे हैं. प्रदेश प्रभारी का दौरा होता रहा है पर इस सबके बीच यह जानकर आपको हैरानी होगी कि राज्य कांग्रेस में 2016 में सुखदेव भगत जब अध्यक्ष बनें थे तब उन्होंने ही प्रदेश कार्यसमिति का गठन किया था.उसके बाद डॉ अजय कुमार, डॉ रामेश्वर उरांव और अब राजेश ठाकुर के हाथों में झारखंड कांग्रेस की कमान है परंतु किसी भी अध्यक्ष ने प्रदेश कार्यसमिति का गठन नहीं किया. प्रदेश कांग्रेस में अध्यक्ष और 04 कार्यकारी अध्यक्ष हैं तो पूरा संगठन, प्रभारी और को-ऑर्डिनेटर के भरोसे चल रहा है.

झारखंड कांग्रेस का स्ट्रक्चर:झारखंड कांग्रेस में अभी कप्तान की भूमिका में प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर हैं वहीं कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में सांसद गीता कोड़ा, पूर्व विधायक बंधु तिर्की, जलेश्वर महतो और शहजादा अनवर कार्यकारी अध्यक्ष यानि उपकप्तान की भूमिका में हैं. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा के अनुसार झारखंड में कांग्रेस प्रदेश कार्य समिति का स्ट्रक्चर इस प्रकार है. प्रदेश अध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, कोषाध्यक्ष कार्यसमिति सदस्य इसके अलावा विस्तारित कार्यसमिति में सचिव, संयुक्त सचिव और सभी जिले के जिला अध्यक्ष और जिला सचिव शामिल होते हैं.

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आसान नहीं प्रदेश कार्यसमिति का गठन: झारखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महासचिव जगदीश साहू कहते हैं कि वर्तमान अध्यक्ष को प्रदेश कार्यकारिणी के गठन करने की हिम्मत दिखानी चाहिए ,उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में वर्तमान अध्यक्ष से उनकी बात हुई है. जगदीश साहू कहते हैं कि कार्यसमिति का गठन नहीं होने का असर अंततः संगठन पर पड़ता है. साहू कहते हैं कि पार्टी नेताओं की नाराजगी से बचने के लिए 2016 के बाद से प्रदेश अध्यक्ष बनें डॉ अजय कुमार, डॉ रामेश्वर उरांव और अभी तक राजेश ठाकुर ने प्रदेश कार्यसमिति का गठन नहीं किया क्योंकि ऐसे में कई वैसे नेता जिनका या जिनके समर्थक को कार्यसमिति में जगह नहीं मिलेगी वह नाराज हो जायेंगे.

अगस्त तक पूरा हो जाएगी कार्यसमिति: वर्ष 2016 के बाद से किसी भी अध्यक्ष द्वारा प्रदेश कार्यसमिति का गठन नहीं होने के सवाल पर वर्तमान प्रदेश राजेश ठाकुर ने कहा कि इस बार ऐसा नहीं होगा, अगस्त महीने के अंत तक प्रदेश कांग्रेस की पूरी टीम बन जाएगी, उन्होंने कहा कि अभी सांगठनिक चुनाव चल रहा है ऐसे में टीम गठित करना ठीक नहीं है.

बीजेपी ने साधा निशाना: कांग्रेस में प्रदेश कार्यसमिति तक नहीं बना पाने की प्रदेश अध्यक्षों की नाकामी पर भाजपा ने निशाना साधा है. पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष और विधायक शिवशंकर उरांव कहते हैं कि कांग्रेस में व्यक्तिवाद है जबकि भाजपा में संगठन पर जोर रहता है. कांग्रेस में प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष के इर्द गिर्द ही सबकुछ चलता रहे इसलिए जानबूझ कर संगठन या कार्यसमिति नहीं बनाया जाता है. शिवशंकर उरांव ने कहा कि कांग्रेस अभी भी आजादी के दौर वाली खुमारी से नहीं निकली है जिसका नुकसान उसे उठाना पड़ रहा है.

Last Updated : Jul 10, 2022, 2:38 PM IST

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