रांचीः झारखंड के सबसे बड़े नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों की नई रणनीति का खुलासा हुआ है. जो बेहद खतरनाक है.हथियार की कमी से जुझ रहे नक्सलियों ने सुरक्षाबलों, पुलिसकर्मियों और जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा में तैनात बलों पर हमला कर हथियार लूटने की योजना बनायी है. स्पेसल ब्रांच ने जामताड़ा और देवघर एसपी को छोड़कर बाकी 22 जिलों के एसपी को सुरक्षा मानकों के अनुपालन का आदेश भेजा है.
नक्सलियों ने बदली रणनीति, शुरू किया टैक्टिक्ल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन, बॉडीगार्ड्स से लूटे जाएंगे हथियार - रांची
लगातार बैकफुट पर चल रहे माओवादी नक्सलियों ने अब अपनी रणनीति बदल ली है. वो अब अपना टारगेट बॉडीगार्ड को बना रहे हैं. जिससे कि उनके हथियारों की कमी भी पूरी हो जाए.
क्या है रिपोर्ट में
राज्य पुलिस की खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, माओवादियों ने पुलिस बलों के खिलाफ टैक्टिक्ल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन शुरू किया है. इसके तहत माओवादी जनप्रतिनिधियों के गतिविधि की जानकारी जूटा, उनके सुरक्षाकर्मियों को निशाना बना सकते हैं.
ग्रामीणों के वेश में कर सकते हैं हमला
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस पर हमला करने के लिए सरायकेला के तिरूलडीह कुकडू बाजार की तर्ज पर भीड़-भाड़ वाले इलाके, हाट बाजार, मेला, फुटबॉल या हॉकी प्रतियोगिता की जगह को चुना जा सकता है. रिपोर्ट में जिक्र है कि हमला को अंजाम देने के लिए भाकपा माओवादी वर्दी में आने के बजाय, ग्रामीणों के वेश में आकर घटना को अंजाम देने की रणनीति बना चुके हैं. ग्रामीणों के वेश में आने की वजह यह है कि पुलिस उन्हें आसानी से चिन्हित नहीं कर सके.
एसओपी का करें पालन
स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट के मुताबिक, नक्सल विरोधी अभियान के दौरान ही सुरक्षा संबंधी स्पेशल ऑपरेशन प्लान(एसओपी) का पालन किया जाता है. वीआईपी सुरक्षा, हाट बाजार में गश्ती, हॉकी- फुटबॉल प्रतियोगिता क दौरान भीड़-भाड़ वाले इलाके में गश्ती के दौरान एसओपी का पालन नहीं किया जाता. विशेष शाखा ने निर्देश दिया है कि सामान्य जगहों पर भी सुरक्षा संबंधी निर्देशों का पालन करें.
क्या है माओवादियों की येाजना
- पुलिसकर्मियों को लक्ष्य कर संवदेनशील इलाकों में गश्ती के दौरान या पुलिस पिकेट पर हमला करना
- जनप्रतिनिधियों के एसओपी को चिन्हित करना
- भीड़-भाड़ वाले इलाके में ग्रामीणों के वेश में हमला करना
नए चीफ की है रणनीति
फरवरी महीने में ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो की बैठक सरायकेला में हुई थी. इसमें माओवादी सुप्रीमो बसवाराज उर्फ नंबला केशवराव आया था. राज्य के सभी शीर्ष माओावादी भी बैठक में शामिल हुए थे. माओवादियों की सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के चीफ रह चुके बसवाराज को आक्रामक शैली के कारण जाना जाता है. झारखंड में बैकफूट पर चले रहे माओवादियों को आक्रामक बनाने के लिए बसवाराज ने लगातार हमले प्लान किए. वहीं इसकी जिम्मेदारी पतिराम मांझी उर्फ अनल को दी. यही वजह है कि पतिराम को सैक से केंद्रीय कमेटी में प्रोन्नति दी गई है.