रांची: पीएलएफआई के सबजोनल कमांडर अखिलेश गोप को चार दिनों की रिमांड पर लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है. पुलिस उसके पास रखे एके 47 रायफल की तलाश कर रही है. हालांकि पूछताछ के दौरान अभी तक पुलिस एके 47 का पता नहीं लगवा पाई है. कुख्यात नक्सली कमांडर अखिलेश अपने 13 साथियों के साथ 13 नवंबर को रांची से पकड़ा गया था.
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अखिलेश की जगह गोपाल मुंडा ने संभाला मोर्चा
अखिलेश ने बताया कि पकड़े जाने से एक दिन पहले ही एके 47 रायफल उसने सबजोनल कमांडर तिलकेश्वर गोप उर्फ राजेश गोप को दे दिया था. इसके अलावा यह पहले से तय था कि अखिलेश के पकड़े जाने के बाद किसे कौन से क्षेत्र का एरिया कमांडर बनाया जाना है. अखिलेश की जगह उग्रवादी गोपाल मुंडा को एरिया कमांडर बनाया जाना तय था.
फिलहाल उत्तरी क्षेत्र में गोपाल मुंडा ने मोर्चा संभाल लिया है. अब पुलिस उसकी तलाश कर रही है. इसके अलावा अखिलेश के दस्ते में हाल में तीन लोग जुड़े, जिसमें बिहार के नालंदा निवासी अवधेश यादव, लापुंग निवासी दुर्गा सिंह और मार्टिन नाम के सदस्य जुड़े हैं, जो रांची-खूंटी के बॉर्डर इलाके में सक्रिय हैं.
दिनेश गोप के लिए काम
अखिलेश ने बताया कि वह लेवी के लिए सुप्रीमो दिनेश गोप के इशारे पर हमला करता था. कंपनियों, ठेकेदारों और प्रतिष्ठान के कई मालिकों से डायरेक्ट दिनेश गोप बातचीत करता था. लेवी वसूलने के लिए अखिलेश अपने आदमी भेजता था या खुद भी पहुंचता था और लेवी देने से मना करने वालों पर हमला करता था. बता दें कि पुलिस ने शनिवार को अखिलेश को चार दिनों की रिमांड पर लिया था. मंगलवार को उसे वापस जेल भेज दिया जाएगा.
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