रांची: झारखंड में रह-रहकर नक्सलियों का आतंक देखने को मिलता रहा है. कभी लैंड माइंस विस्फोट तो कभी मुठभेड़. इस हमले में हमारे जवान भी शहीद होते रहे हैं. अब वक्त है नक्सलियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का.
पांच जवान शहीद
14 जून की शाम सरायकेला में पांच पुलिसकर्मियों को घेर कर माओवादियों ने मौत के घाट उतार दिया. पुलिस बलों को घेर कर सरेबाजार हमला किए जाने का सनसनीखेज मामला साल 2013 के बाद सामने आया है. साल 2013 में माओवादियों ने दुमका के काठीकुंड में पाकुड़ एसपी अमरजीत बलिहार और उनके अंगरक्षक समेत छह पुलिसकर्मियों को घेर कर मार डाला था.
सरायकेला मेंदूसरी बड़ी वारदात
अमूमन माओवादी नक्सल प्रभाव वाले क्षेत्रों में आईइडी लगाकर धमाकों को अंजाम देते हैं. बीते साल 27 जून 2018 को बूढ़ापहाड़ में भाकपा माओवादियों ने जगुआर के छह जवानों को आईइडी धमाका कर उड़ा दिया था. बूढ़ापहाड़ की घटना के बाद सरायकेला में एक साल के अंतराल के बाद ये दूसरी बड़ी वारदात है.
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510 पुलिसकर्मी और 1778 आमलोग हुए हैं नक्सली हिंसा के शिकार
झारखंड गठन के बाद नक्सली वारदातों में 510 पुलिसकर्मी और 1778 आमलोग मारे गए हैं. वहीं, झारखंड पुलिस ने साल 2001-18 के बीच 846 नक्सलियों को भी मुठभेड़ों में मार गिराया है. भाकपा माओवादियों के हुए बड़े हमलों में पाकुड़ के एसपी अमरजीत बलिहार, डीएसपी स्तर के अधिकारी बुंडू में डीएसपी प्रमोद कुमार, पलामू में देवेंद्र राय, चतरा में विनय भारती नक्सली हमले में शहीद हुए हैं. झारखंड गठन के ठीक पहले लोहरदगा एसपी रहे अजय कुमार सिंह भी उग्रवादी हमले में शहीद हो गए थे.
झारखंड में अब तक हुए बड़े माओवादी हमले
- 26 जून 2018 को गढ़वा और लातेहार एसपी के द्वारा संयुक्त अभियान बूढ़ापहाड़ पर चलाया जा रहा था. अभियान के दौरान जगुआर के एसाल्ट ग्रुप को माओवादियों ने टारगेट किया. इस दौरान छह जवान शहीद हुए.
- आठ अप्रैल 2017 को सिमडेगा में पुलिस - उग्रवादी मुठभेड़ में बानो थानेदार विद्यापति सिंह और एक जवान शहीद.
- 28 जून 2016 को पलामू में लैंड माइंस ब्लास्ट में सात जवान शहीद और सात घायल हुए.
- 2 जुलाई 2013 को दुमका डीआईजी की बैठक से लौटने के दौरान काठीकुंड में पाकुड़ एसपी अमरजीत बलिहार समेत छह पुलिसकर्मियों को माओवादियों ने शहीद कर दिया.
- 21 जनवरी 2012 को गढ़वा के भंडरिया में 13 पुलिसकर्मी शहीद.
- दिसंबर 2011 लातेहार के गारू में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी के काफिले पर हमला, 12 जवान शहीद.
आंकड़े
साल लैंड माइंस विस्फोट मुठभेड़
- 2001 08 312
- 2002 08 267
- 2003 10 322
- 2004 12 279
- 2005 08 223
- 2006 08 307
- 2007 03 478
- 2008 03 436
- 2009 41 512
- 2010 29 496
- 2011 06 504
- 2012 04 404
- 2013 04 349
- 2014 06 231
- 2015 -- 196
- 2016 04 196
- 2017 02 159
- 2018 03 145