रांची: हैवी इंजरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) राज्य की शान मानी जाती है. लेकिन पिछले कुछ वर्षों से एचईसी आर्थिक संकट से जूझ रहा है. इससे यहां काम करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों में उत्साह भी कम हुआ है. विश्वकर्मा पूजा की बात करें तो एचईसी की विश्वकर्मा पूजा सिर्फ झारखंड में ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों में भी चर्चा का विषय होता था. लेकिन वर्तमाम में पूजा का स्वरूप बदल गया है और साजगी से समारोह का आयोजन किया गया है.
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एचईसी में आयोजित होने वाले विश्वकर्मा पूजा राज्य के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होता था. एचईसी में काम करने वाले कर्मचारी बताते हैं कि एचईसी में विश्वकर्मा पूजा को देखने के लिए उत्तर प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों से लोग रांची आते थे और यहां के भव्य पूजा को देख कर जाते थे. उन्होंने कहा कि कुछ वर्षों पहले तक आदम कद प्रतिमा लगाया जाता था. लेकिन एचईसी की आर्थिक स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती चली गई, जिससे प्रतिमा का कद भी घटता चला गया. स्थिति यह है कि आज कर्मचारी छोटी प्रतिमा लगाकर भगवान विश्वकर्मा की पूजा कर रहे हैं.
एचइसी के पदाधिकारी जयंत चटर्जी बताते हैं निश्चित रूप से वर्तमान समय में एचईसी खराब दौर से गुजर रहा है. लेकिन यहां के कर्मचारियों में विशिष्ट हुनर है, जो आने वाले समय में एचईसी को फिर से आसमान पर लेकर जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रतिमा भले ही छोटी हो गई है. लेकिन कर्मचारियों के उत्साह में कोई कमी नहीं हैं.
एचईसी में काम करने वाले कर्मचारी रामाशंकर कहते हैं कि जिस प्रकार से अधिकारियों को पिछले 12 माह और कर्मचारियों को 10 माह से वेतन नहीं मिला है. इस स्थिति में विश्वकर्मा पूजा को मनाना मुश्किल जरूर है. लेकिन ऐसी परिस्थिति में भी हम सभी कर्मचारी भगवान विश्वकर्मा को याद कर यही प्रार्थना कर रहे हैं कि जल्द से जल्द सभी कर्मचारियों के हालात अच्छे हो ताकि एचईसी फिर से पुराने रूप में नजर आ सके.
विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर एचईसी के तीनों प्लांट एचएमबीपी, एचएमटीपी, एफएफपी और मुख्यालय में श्रमिकों और पदाधिकारियों ने विधि विधान के साथ भगवान विश्वकर्मा की पूजा की और सादगी के साथ विश्वकर्मा पूजा मनाया. सभी श्रमिकों और पदाधिकारियों ने भगवान विश्वकर्मा से यही प्रार्थना की कि जल्द से जल्द एचईसी के पुराने दिन लौटे, ताकि एचईसी में काम करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के हालात बेहतर हो सके.