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सरकारी क्वॉरेंटाइन में जाएंगे हॉटस्पॉट इलाके के प्रवासी मजदूर, बाहर से आ रहे लोग ज्यादा संक्रमति

कोविड-19 के मद्देनजर बनाए गए परिवहन के नोडल ऑफिसर के रवि कुमार ने गुरुवार को कहा कि अब तक राज्य में 44 ट्रेनें आ चुकी हैं और 56 ट्रेन चलाने के लिए एनओसी दे दिया गया है. उन्होंने कहा कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से अब तक 50,028 लोग आए हैं.

Migrant laborers of hotspot area
नोडल ऑफिसर के रवि कुमार

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Published : May 14, 2020, 8:36 PM IST

रांची: देश के 24 हॉटस्पॉट से आनेवाले प्रवासी मजदूरों को अब राज्य सरकार ने इंस्टिट्यूशनल क्वॉरेन्टीन में भेजने का निर्णय लिया है. उनके पहले जांच में नेगेटिव आने पर उन्हें होम क्वॉरेंटाइन में भेजा जाएगा और अगर जांच में पॉजिटिव पाए गए तो फिर स्वास्थ्य विभाग के प्रोटोकॉल को फॉलो किया जाएगा. देश के उन 24 हॉटस्पॉट का आईडेंटिफिकेशन वहां डेथ रेट और पॉजिटिविटी रेट को देखकर किया गया है.

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इस को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने गुरुवार को कहा कि राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर जितने भी मामले आए हैं. उनमें से ज्यादातर प्रवासी मजदूरों के हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 8 दिनों में बाहर से आए प्रवासी मजदूरों में 68 में कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया है.

सूरत और मुंबई से आने वाले ज्यादा संक्रमित

उन्होंने कहा सबसे ज्यादा संक्रमण सूरत और मुंबई से आने वाले प्रवासी मजदूरों में पाया गया है. पिछले कुछ दिनों में सूरत, मुंबई, कोलकाता, वेल्लोर, हैदराबाद और अन्य इलाकों से लोग आए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में अब तक 190 संक्रमण के मामले आए हैं, जिनमें से 87 स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं, जबकि तीन की मौत हुई है. इस लिहाज से राज्य में 100 एक्टिव केस हैं. एक्टिव केस के हिसाब से प्रदेश के रांची और गढ़वा जिले रोड जोन में है, जबकि 13 जिले ऑरेंज जोन में और बाकी के 9 जिले ग्रीन जोन में है.

वहीं, राज्य में पॉजिटिविटी रेट अभी भी 0.7% है. उन्होंने बताया कि राज्य में 63 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं, जिसके अंतर्गत 1,04,517 घर हैं उनमें से एक 11,355 के सैंपल लिए गए और 122 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं. वहीं, कॉन्ट्रैक्ट रेसिंग के आधार पर 3,646 लोगों की जांच में 69 लोग पॉजिटिव पाए गए. जांच से जुड़े उठाए गए सवाल पर उन्होंने कहा कि 1 मई से लेकर अब तक रिम्स में 10,000 से अधिक जांच हुई है.

निजी लैब की जांच दर

उन्होंने बताया कि निजी लैब में अब तक 766 लोगों ने जांच कराई है, जबकि 5 ट्रू नेट मशीन रांची के सदर अस्पताल के अलावा गढ़वा, दुमका, साहिबगंज समेत दो अन्य जिलों में लगाई गई है. उन्होंने बताया कि झारखंड में अब तक जितने भी केस पाए गए हैं वह एसिंप्टोमेटिक हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड में मोर्टालिटी रेट अभी भी 1.66% है, जबकि डबलिंग रेट 13.7 दिन. जांच की दर को लेकर पूछे गए सवाल में उन्होंने कहा कि बिहार में भी जांच में उतने ही पैसे लग रहे हैं, जितने झारखंड में लग रहे हैं. उन्होंने कहा कि निजी लैब द्वारा चार्ज किए जा रहे हैं पैसे आईसीएमआर के गाइडलाइन के अनुरूप हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में जारी की गई अधिसूचना को अगर सही ढंग से देखा जाए तो वहां दो चरण में जांच हो रही है. इसलिए कन्फ्यूजन की स्थिति हो रही है.

44 ट्रेन आयी 56 को एनओसी दिया गया

वहीं, कोविड-19 के मद्देनजर बनाए गए परिवहन के नोडल ऑफिसर के रवि कुमार ने कहा कि अब तक राज्य में 44 ट्रेनें आ चुकी हैं और 56 ट्रेन चलाने के लिए एनओसी दे दिया गया है. उन्होंने कहा कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से अब तक 50,028 लोग आए हैं, जबकि राजधानी जैसी ट्रेन से 1091 लोग आये हैं. वहीं, श्रमिक स्पेशल रांची जयपुर ट्रेन से 534 लोग गए हैं. ईपास के संबंध में उन्होंने बताया कि 1,04,403 आवेदन में से 95% को डिस्पोज ऑफ कर दिया गया.

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होम क्वॉरेंटाइन के लिए 9 करोड़

आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने बताया के स्टेट एग्जीक्यूटिव कमिटी के अप्रूवल के बाद जिलों को 6.70 करोड़ हॉस्पिटल रिलेटेड या क्वॉरेंटाइन सेंटर रिलेटेड एक्सपेंडिचर के लिए अलॉट किए गए हैं. उन सभी जिलों को 9 करोड़ों रुपए प्रवासी मजदूरों के होम क्वॉरेंटाइन के बाद सूखा राशन दिए जाने के मद में दिए गए हैं. वहीं, होमलेस और माइग्रेंट लेवर को अनाज देने के बाद में 20 लाख रुपए हर जिले के उपायुक्त को दिया गया था.

उन्होंने कहा कि पहले 57.83 करोड़ दिए गए और राज्य स्टेट एग्जीक्यूटिव कमिटी की बैठक में लिए गए निर्णय के आलोक में अब 16.70 करोड़ दिए जा रहे हैं. स्टेट नोडल ऑफिसर एपी सिंह ने बताया कि राज्य में अब तक कुल 60000 से अधिक लोग वापस लौट चुके हैं वापस लौटने वालों में ट्रेन बस और अपनी गाड़ियों से लौटने वाले शामिल हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि राज्य सरकार ट्रेन मूवमेंट को इनकरेज कर रही है.

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