रांचीः 15 जनवरी तक झारखंड के 32 लाख बच्चों के खातों में mid day meal programme के तहत चावल और कुकिंग कॉस्ट की राशि भेजी जानी है. लेकिन अभी तक सात लाख बच्चों के ही खाते में राशि ट्रांसफर की जा सकी है. वहीं दस लाख बच्चों के पास बैंक खाते ही नहीं हैं. इससे इनकी राशि फंस गई है. अब प्रशासन बच्चों के खाते खुलवाने के लिए कैंप लगा रहा है.
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गौरतलब है कि 17 मार्च 2020 से शिक्षण संस्थान कोरोना की मार से प्रभावित हैं. शिक्षा जगत कई परेशानियों का सामना कर रहा है. पठन-पाठन के अलावा बच्चों के लिए संचालित मध्याह्न भोजन योजना भी इससे प्रभावित हुई है. स्कूल बंद होने पर बच्चों को भोजन की परेशानी न हो , इसके लिए राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पहली से आठवीं तक के बच्चों के बैंक खाते में ही मिड डे मील के चावल और कुकिंग कॉस्ट की राशि ट्रांसफर की जा रही है. इसको लेकर झारखंड राज्य मध्याह्न भोजन प्राधिकरण की ओर से दिसंबर 2021 को जिलों को राशि भी उपलब्ध करा दी गई है. राज्य भर के लगभग 32 लाख बच्चों के बैंक खाते में राशि भेजी जानी है. अब तक लगभग 7 लाख बच्चों को ही राशि दी जा सकी है. इसकी वजह बच्चों के पास अभी खाता नहीं है.