रांची: देशज जानो के घोषणापत्र के 12 साल पूरे होने के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र परमानेट फोरम ओन इंडिजिनिस इसूज यूएनपीएफआईआई के द्वारा आदिवासी जनो के घोषणापत्र जारी किया गया था. ग्लोबल आदिवासी महिला फोरम फीमी और इंडिजिनस वुमेन इडिया नेटवर्क के संयुक्त तत्वाधान मे आयोजित एक दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन महिला बाल विकास मंत्री जोबा मांझी ने किया.
छात्रा को सम्मानित करते अतिथि
मंत्री जोबा मांझी ने इसका ऑनलाइन उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि आदिवासी महिलाएं पलायन कर मानव तस्करी का शिकार हो रही हैं. घरेलू कामगारों के लिए कानून बनाने की जरूरत है. अरूणा तिर्की ने धरती मां को याद करते हुए एक कुडुख गीत गाया. आदिवासी किस तरह जंगलों, पहाडों और नदियों की पूजा करते हैं. कार्यक्रम का आयोजन इंटरनेशनल इंडिजिनिस वुमेन फोरम फीमी और इंडिजिनस वुमेन इंडिया नेटवर्क के संयुक्त तत्वाधान में किया गया था. कार्यक्रम में सतत विकास लक्ष्य के 17 लक्ष्य में लक्ष्य 16 की चर्चा की गई. एसडीजी ससटेनेबल डेवलपमेंट गोल के लक्ष्य 16 में कहा गया है कि आदिवासी इलाके में शांति, न्याय और मजबूत संस्थान की स्थापना होनी चाहिए.
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इस मौैके पर पूर्व विशेष सचिव सुधीर जाॅन होरो मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित रहे. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में आदिवासियों के उपर संकट छाया हुआ है. न्यूजीलैंड के माओरी आदिवासी और अफ्रीका के मसाई आदिवासियों पर भी विकास के नाम पर खतरा मंडरा रहा है. एसडीजी के लक्ष्यों को हासिल करना होगा. आदिवासी विकास को सूचकांक में कहां है. दुमका से मुन्नी हांसदा ने विस्थापन के विरोध में चल रहे आंदोलन के बारे जानकारी दी. रजनी मुर्मू ने कहा कि आदिवासी महिलाओ के अधिकारों पर बात होनी चाहिए. इसके साथ ही पारंपारिक भोजन के बारे पुनिया खलखाने महुआ के गुणों की चर्चा की और कहा कि गांवों में शराबबंदी करना सहित कई मुद्दों पर विचार हुआ. इसके साथ ही निर्णय लिया गया कि मंगलवार को इडिजिनस वुमेन इडिया नेटवर्क का एक प्रतिनिधिमंडल महिला बाल विकास मंत्री जोबा मांझी से मुलाकात कर उन्हें आदिवासी महिलाओ की समस्याओं से संबंधित ज्ञापन सौंपेंगे. कार्यक्रम का संचालन डा वासवी किड़ो ने किया. दिल्ली से आई अल्पा टोप्पो ने महिलाओं से नेटवर्किंग पर बात की.