रांची: शहर की मेयर आशा लकड़ा ने कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत उपायुक्त राय महिमापत रे के द्वारा हमेशा खुद निर्णय लिए जाने पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा है कि उनकी अध्यक्षता में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत डिस्ट्रिक्ट अथॉरिटी की एक भी बैठक नहीं की गई है. डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा 25/2 के तहत स्थानीय निर्वाचित चेयर पर्सन होने के नाते मेयर कमिटी के सह अध्यक्ष हैं. ऐसे में उपायुक्त के हर निर्णय में उनकी सहमति भी जरूरी है. उपायुक्त ने गंभीर स्थिति में खुद निर्णय लेकर मेयर पद की गरिमा को ठेस पहुंचाया है. इसके साथ ही नगरपालिका अधिनियम और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत मेयर को दिए गए अधिकारों का हनन किया गया है.
'उपायुक्त को दो बार लिखा गया पत्र'
उन्होंने कहा है कि इस संबंध में रांची उपायुक्त को दो बार पत्राचार किया गया, लेकिन सरकार के दबाव में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत बैठक नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा है कि बैठक इसलिए नहीं किया जा रहा है, क्योंकि इससे राज्य सरकार और प्रशासन की तैयारियों की पोल खुल जाएगी. उन्होंने कहा है कि उपायुक्त ने डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट को दरकिनार कर हमेशा खुद निर्णय लिया है. शहर में वर्तमान में कोरोना वायरस मरीजों की संख्या खत्म नहीं हुई है. रेड जोन से ऑरेंज जोन में आने के बाद उपायुक्त ने हिंदपीढ़ी क्षेत्र को सील मुक्त करने का निर्णय भी खुद लिया. सील मुक्त करने से पहले उन्होंने हिंदपीढ़ी क्षेत्र में की गई जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक भी नहीं किया है. ऐसे में हिंदपीढ़ी मामले में डिजास्टर अथॉरिटी की बैठक बुलाकर सभी की सहमति के बाद निर्णय लिया जाता तो आने वाले समय में शहर कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षित हो सकता था.
'शहर की स्थिति भयानक'