रांची: गर्मी का मौसम आते ही लोगों को आम खाने का इंतजार रहता है. इस मौसम में आम खाने का मजा ही कुछ और होता है, लेकिन कोरोना वायरस का ग्रहण फलों का राजा आम पर भी लग गया है. लॉकडाउन की वजह से इसके कारोबार में इस बार काफी फर्क पड़ा है क्योंकि आम लोगों का आवागमन शहरों में अभी न के बराबर है. इस कारण से आम विक्रेता मायूस और हताश नजर आ रहे हैं.
राजधानी के मार्केट में सबसे पहले गुलाब खास आम गर्मी शुरू होते ही मार्केट में आ जाता है. यहां शुरुआती समय में 200 से 300 रुपए प्रति किलो तक बाजार में बिकता है. यह आम अप्रैल महीने से लेकर जून तक बाजार में अपनी धाक जमाए रहता है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से गुलाब खास का कोई खास बाजार नहीं रहा. इसके बाद दशहरी आम स्वाद में भरपूर होता है जो जून और जुलाई के महीने में बाजार में आता है. हालांकि, जब लंगड़ा आम बाजार में आता है तो आम का दाम काफी कम हो जाता है, लेकिन इस बार दाम कम होने के बावजूद इसकी बिक्री न के बराबर हो रही है.
दुकादारों को उठाना पड़ रहा नुकसान
दुकानदार की माने तो हर साल आम का व्यापार काफी अच्छा रहता था, लेकिन इस बार आम के सीजन में ही लॉकडाउन लागू हो गया, जिसके कारण आम की बिक्री न के बराबर हुई. वहीं, जब अनलॉक-1 शुरू हुआ है तो लोगों का शहर में आवागमन शुरू हुआ, लेकिन कई प्रतिष्ठान कोर्ट कचहरी आदि बंद हो जाने के कारण आम की बिक्री में कोई फर्क नहीं आया.
कोरोना के कारण आम के रेट में कमी
मॉनसून के समय बाजार में लंगड़ा और मालदा आम जोर शोर से दिखते हैं, जो बाजार में 40 से 50 रुपए किलो में बिकते हैं. वहीं, चौसा आम जुलाई से अगस्त तक बाजार में अपनी धाक जमाए रहता है, लेकिन इस बार कोरोना के कारण इसके रेट में काफी गिरावट देखने को मिली है. बाजार में सबसे ज्यादा आम उत्तर प्रदेश, बंगाल और बिहार से मंगाए जाते हैं.