रांचीःदिल का दौरा पड़ा हो या फिर एक्सीडेंट के बाद ट्रॉमा वाली स्थिति में मरीज को तत्काल अस्पताल पहुंचाने की जरूरत पड़ती है. इसे विशेषज्ञ गोल्डन ऑवर और अस्पताल पहुंचने तक एंबुलेंस में ही मरीजों को कई जीवन रक्षक उपकरण की सहायता को जरूरी बताते हैं. एंबुलेंस मरीज को अस्पताल पहुंचाने का साधन मात्र नहीं होता बल्कि वह अस्पताल की भूमिका में भी तब तक होता है जबतक मरीज अस्पताल ना पहुंच जाए. अगर हम आपको बताएं कि रांची में 108 एंबुलेंस में लगी मशीनें काम नहीं करता है तो आप क्या कहेंगे?
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पिछले दिनों राजधानी रांची में NHM के तहत चलाई जा रही 108 एंबुलेंस का ऑडिट विभागीय आदेश के बाद कराया गया. हालांकि अभी इस ऑडिट रिपोर्ट को औपचारिक रूप से सार्वजनिक नहीं किया गया है. लेकिन सूत्र बताते हैं कि कई ऐसे 108 एंबुलेंस मिले हैं जिसमें लगे जीवन रक्षक उपकरण काम ही नहीं करते. आलम ऐसा है कि ट्रॉमा के समय जिस सक्शन मशीन की सबसे ज्यादा जरूरत होती है वह भी खराब पाया गया है.
रांची में ही चल रहे एक 108 एंबुलेंस के कर्मी ने अपना नाम तो नहीं बताया पर इतना जरूर कहा कि उसके एंबुलेंस की ऑडिट हो गयी है. जिसमें कई मशीनें पुरानी पड़ गयी हैं, कौन-कौन सी मशीन खराब है? इस सवाल पर वरीय अधिकारियों की ओर से होने वाली कार्रवाई के डर से सहमे कर्मी ने कहा कि सक्शन मशीन मरीज के स्वास नली में जमा कफ नहीं खींच पाता है.
कितना महत्वपूर्ण है सक्शन मशीन
सदर अस्पताल रांची के पूर्व उपाधीक्षक और और प्रख्यात चिकित्सक डॉ. एके झा ने कहा कि एक्सीडेंट, हार्ट अटैक, मिरगी या किसी भी ट्रॉमा की स्थिति में जब मरीज बेहोश हो जाता है, वैसी स्थिति में स्वास नली में कफ भर जाता है. इसे अगर नहीं निकाला गया तो मरीज की सांस तक रुक सकती है. डॉ. एके झा एंबुलेंस के लिए सक्शन मशीन को बेहद जरूरी बताते हैं.