रांचीः केंद्र सरकार द्वारा कोल ब्लॉक नीलामी किए जाने के फैसले पर पूरे देश भर में विरोध जारी है. इसी कड़ी में वामदलों ने संयुक्त प्रेस वार्ता कर विरोध किया है. वामदलों का कहना है कि केंद्र सरकार कोल ब्लॉक नीलामी को लेकर अगर विचार नहीं करती है तो 2 जुलाई को सभी वामदलों के संयुक्त तत्वावधान में बृहद तरीके से राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
वामदलों ने संयुक्त रूप से कोल ब्लॉक नीलामी का किया विरोध, 2 जुलाई को राज्यव्यापी विरोध का लिया निर्णय
रांची में वामदलों ने संयुक्त रूप से कोल ब्लॉक नीलामी का विरोध करते हुए 2 जुलाई को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन का निर्णय लिया है. वामदलों ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि कोल ब्लॉक नीलामी मुद्दे पर केंद्र सरकार पूरी तरह नाकाम हो जाने से भाजपा के नेता गन बौखला गए हैं. इसलिए गलत बयानी कर सच्चाई पर पर्दा डाल रहे हैं.
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भाकपा माले के महासचिव जनार्दन प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार इस जन विरोधी, मजदूर विरोधी और राष्ट्र विरोधी निर्णय के खिलाफ सबसे पहले देश के कोयला मजदूरों ने विरोध का बिगुल फूंका और पिछले दिनों इसके खिलाफ लगातार आंदोलन भी किए जा रहे हैं. अब कोयला मजदूरों के फैसले के खिलाफ दो से 4 जुलाई तक तीन दिवसीय हड़ताल पर जा रहे हैं. दूसरी ओर हेमंत सरकार ने राज्य के पर्यावरण जंगलों की रक्षा और संविधान की पांचवी अनुसूची से आच्छादित इस क्षेत्र में निवास करने वाले आदिवासियों और दूसरे गरीबों को एक नए विस्थापन से बचाने के हेमंत सरकार ने कोल ब्लॉक नीलामी में सहमति नहीं दी है. इसके बावजूद केंद्र सरकार कोल ब्लॉक की नीलामी कर रही है, जो बिल्कुल भी राज्य के गरीब मजदूर के लिए विरोधी साबित होगा. केंद्र सरकार के कोल ब्लॉक नीलामी के खिलाफ वामदाल के संयुक्त तत्वधान में ट्रेड यूनियन कमर्शियल माइनिंग के खिलाफ प्रतिरोध के एक मजबूत दीवार खड़ा करेगी. आगामी 2 जुलाई को वामदलों का राज्यव्यापी विरोध दिवस की शुरुआत की जा रही है.