रांची: शिक्षा विभाग की ओर से लॉ डिग्री धारी शिक्षकों की पूरी रिपोर्ट मांगी गई है. ऐसे शिक्षक जो लॉ की डिग्री हासिल करने के बावजूद स्कूलों में पढ़ाने का काम कर रहे हैं उन शिक्षकों को कानूनी दांव पेंच का अनुभव देने को लेकर यह डाटा तैयार किया जा रहा है.
लॉ डिग्री धारी शिक्षकों की रिपोर्ट राज्य के कई स्कूलों में लॉ डिग्री धारी शिक्षक पठन-पाठन का काम कर रहे हैं और ऐसे शिक्षकों को चिन्हित करने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से एक निर्देश जारी किया गया है. दरअसल, इन शिक्षकों को कानून की दांव पेंच को लेकर ट्रेनिंग दिया जाएगा. उसके बाद उन्हें शिक्षा विभाग कोर्ट में केस के निपटारे के लिए काम भी सौंपा जाएगा ताकि इसके लिए अलग से कोई अधिवक्ता विभाग को हायर न करना पड़े. विभाग ने ऐसे शिक्षकों की सूची सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों से मांगी है, जो लॉ डिग्री धारी हो. यह शिक्षक कोर्ट में शिक्षा विभाग से जुड़े मामले को निपटारा कारेंगे.
शिक्षकों की सहमति जरूरी
विभाग द्वारा जारी निर्देश के तहत सुदूरवर्ती इलाकों में पद स्थापित शिक्षकों की तैनाती जिला मुख्यालय में की जानी है. हालांकि, इसके लिए शिक्षकों से सहमति लेना अनिवार्य है. इस पूरे विषय को लेकर विभाग की ओर से एक रोडमैप तैयार किया गया है, जिसमें कहा गया है कि ऐसे लॉ की डिग्री धारी शिक्षक स्कूलों में भी समय देंगे और जरूरत पड़ने पर शिक्षा विभाग से जुड़े केस मुकदमों को भी निपटाने में मदद करेंगे. इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में जिलों के कोर्ट केस से संबंधित डिटेल और सुझाव दिया जाएगा.
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सैकड़ों केस लंबित
वर्तमान में शिक्षक और शिक्षा विभाग की ओर से सैकड़ों ऐसे केस हैं, जो कोर्ट में लंबित है. कई बार समय पर कोर्ट में जवाब फाइल नहीं होने से शिक्षा अधिकारी और सरकार को कोर्ट में हाजिर होना पड़ता है. इसे देखते हुए ही शिक्षा विभाग ने तमाम जिला शिक्षा पदाधिकारियों से लॉ डिग्री धारी शिक्षकों की पूरी रिपोर्ट मांगी है.