रांची: गांवों के विकास के लिए सांसद आदर्श ग्राम योजना शुरू हुई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2014 को इस योजना की शुरूआत की थी. इस योजना के तहत देश के सभी सांसदों को एक साल के लिए एक गांव को गोद लेकर वहां विकास कार्य करना होता है. इस योजना के तहत गांव को आदर्श बनाने के लिए बुनियादी सुविधाओं के साथ ही खेती, पशुपालन, कुटीर उद्योग, रोजगार आदि पर जोर दिया जाता है.
जानिए क्या है सांसद आदर्श ग्राम योजना - झारखंड में आदर्श ग्राम
साल 2014 में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के तुरंत बाद ही पीएम नरेंद्र मोदी ने एक के बाद एक नई योजनाओं का ऐलान किया था. उन्हीं में से एक सबसे महत्वाकांक्षी योजना थी सांसद आदर्श ग्राम. इस योजना के तहत देश के सभी सांसदों को एक साल के लिए एक गांव को गोद लेकर वहां विकास कार्य करना होता है.
आदर्श सांसद ग्राम योजना के तहत विकास कार्य पूरा करने के लिए कई तरह से फंड मिलते हैं. इनमें इंदिरा आवास, PMGSY और मनरेगा शामिल है. इसके अलावा सांसदों को मिलने वाला विकास फंड भी कार्यक्रम पूरा करने में मददगार है. ग्राम पंचायत भी अपने फंड का इस्तेमाल इस योजना के लिए करती है. कंपनियां भी कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के जरिए इस योजना के लिए मदद देती हैं. इस योजना को अगर सही से लागू किया गया होता तो अब तक पूरे देश में लगभग साढ़े तीन हजार गांव आदर्श बन गए होते.
सांसद आदर्श ग्राम योजना में इन विकास कार्यों पर जोर
- बिजली के लिए सोलर है या कुछ अलग व्यवस्था
- सड़क और स्वच्छता की कैसी व्यवस्था है?
- वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था है कि नहीं?
- किसानों के लिए सिंचाई की सुविधा कैसी है?
- सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था कैसा है?
- गर्भवती महिलाओं के लिए पोषक आहार की व्यवस्था
- स्कूल और शिक्षा के प्रति जागरूकता
- रोजगार के लिए कोई ट्रेनिंग की व्यवस्था है कि नहीं
- बच्चों के खेलने के लिए मैदान है कि नहीं?
- बैंकिग और पोस्ट ऑफिस सुविधा
- पंचायत भवन, चौपाल और धार्मिक स्थल
- भोज/दावत की मिठाई या खाने को मिड डे मील में बांटना
- गोबर गैस के लिए सार्वजनिक प्लांट