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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर नहीं बनता है ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला, जेएमएम ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का दिया हवाला

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Published : Apr 29, 2022, 1:49 PM IST

Updated : Apr 29, 2022, 5:27 PM IST

रांची में जेएमएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि मुख्यमंत्री पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला नहीं बनता है. उसने सीधे तौर पर बीजेपी पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया है.

jmm statement on office of profit matter in ranchi
jmm statement on office of profit matter in ranchi

रांचीः मुख्यमंत्री रहते हुए खनन पट्टा लेने के मामले को बेवजह का बताते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि जिस दिन से हेमंत सोरेन के नेतृत्व में लोकप्रिय सरकार बनीं है उसी दिन से भाजपा सरकार को अस्थिर करने में लगी है. झामुमो के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू और सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि विगत दिनों जो भ्रम की स्थिति पैदा हुई और जो अफवाहें फैलाई गई ऐसे में जनतांत्रिक व्यवस्था में सर्वोच्च न्यायालय विधि अनुसार स्थिति स्पष्ट करती रही है. 09A यानि ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के मामले में भी कई दफा सर्वोच्च न्यायालय ने 09A/1951को स्पष्ट किया है.

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विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि 1964 में एक मामले में कोर्ट ने कहा था कि खनन पट्टा ऑफिस ऑफ प्रॉफिट में नहीं आता है. वर्ष 2006 में भी सर्वोच्च न्यायालय ने फिर एक मामले में कहा कि खनन पट्टा ऑफिस ऑफ प्रॉफिट में नहीं आता है. सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि चुनाव आयोग से भी उनके नेता हेमंत सोरेन ने कोई तथ्य नहीं छुपाया और उन्होंने एफिडेविट में दिया था कि उनके पास खनन पट्टा है, जिसका नवीनीकरण होना है. झामुमो के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि निर्वाचन आयोग को हमारा पक्ष भी सुनना चाहिए.

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रघुवर दास के कारनामे बड़ेःपूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में मेनहर्ट, टॉफी घोटाला सहित कई कारनामे हुए हैं. उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी भी स्वयम्भू जज बने हैं. बाबूलाल मरांडी के मुंह से 2006 तक नैतिकता की बात अच्छी लगती थी पर अब भाजपा विरोधी वोट से जीतकर भाजपा में जा मिले बाबूलाल मरांडी के मुंह से शोभा नहीं देती. आज देश में संवैधानिक संस्थाओं के क्रियाकलाप और खास कर निर्वाचन आयोग को लेकर ऐसा लगता है कि भारत सरकार के दबाव में बिना उनकी बात सुने कोई फैसला ले सकताी है. भाजपा की सरकार ऐसा नैरेटिव बना रही है कि सरकार जा रही है पर भाजपा को यह नहीं भूलना चाहिए कि प्री पोल अलायन्स ने 47 सीट जीता है. जबकि भाजपा सिर्फ 25 सीट ही जीती थी. ऐसे में सरकार किसकी होगी और कब तक चलेगी इसका फैसला फ्लोर ऑफ द हाउस यानी विधानसभा में होगा. सुदिव्य कुमार सोनू ने एक सवाल के जवाब में कहा कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन का सवाल काल्पनिक है बावजूद इसके अगर ऐसा होता है तो महागठबंधन के नेता तय करेंगे

Last Updated : Apr 29, 2022, 5:27 PM IST

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