रांची: झारखंड खुदरा शराब विक्रेता संघ अपनी विभिन्न मांगों को लेकर उत्पाद विभाग पहुंचे. कोरोना के कारण उत्पन्न हुए व्यवसायिक गतिविधियों में शिथिलता और सरकार की ओर से राजस्व बढ़ाने के निर्णय के कारण दोहरी मार झारखंड खुदरा शराब विक्रेताओं को हो रही है. जिसके कारण वह गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं. वर्तमान में अनलॉक-5 के बाद भी बहुत सारे आर्थिक गतिविधियां, रेल और बस का परिचालन आज भी बाधित है. जिससे शराब विक्रेताओं की बिक्री कम हो गई है. जिसका खामियाजा दुकानदारों को भुगतना पड़ रहा है. इन तमाम दिक्कतों से अवगत कराने के लिए विभाग के सचिव से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपने पहुंचे.
उत्पाद सचिव को सौंपा गया ज्ञापनखुदरा शराब विक्रेता ने कहा कि अपनी विभिन्न मांगों को लेकर उत्पाद सचिव को ज्ञापन सौंपने पहुंचे हैं, ताकि ज्ञापन के माध्यम से सरकार तक वे खुदरा शराब विक्रेताओं की बात पहुंचा सकें.
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सामूहिक रूप से लाइसेंस सरेंडर करेंगे
शराब विक्रेताओं ने कहा कि सरकार की ओर से जो स्पेशल एक्साइज ड्यूटी लागू किया गया है उसे वापस किया जाए. क्योंकि इसके कारण दुकान धारियों को अधिक पूंजी की आवश्यकता पड़ गई है जो अभी कोरोना काल में संभव नहीं है. अगर इसके बाद भी शराब विक्रेताओं की समस्या का समाधान नहीं निकाला गया तो दिनांक 14 अक्टूबर 2020 को सभी शराब विक्रेता अपने जिले के उत्पाद कार्यालय में सामूहिक रूप से लाइसेंस सरेंडर करेंगे.
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खुदरा शराब विक्रेताओं की ये हैं मांग
1. कोरोना काल का असर व्यापारी गतिविधियों में शिथिलता के कारण दिसंबर महीने तक उठाव के अनुरूप राजस्व लिया जाए. जैसे की मई और जून में किया गया था.
2. खुदरा शराब विक्रेताओं पर वर्तमान में लिए जा रहे 5% विलंब शुल्क को घटाकर 0.5 प्रतिशत किया जाए.
3. इसके अतिरिक्त जेएसबीसीएल की सारे ब्रांड का स्कंध समय पर उपलब्ध नहीं हो पाता है, इसे सुचारु रुप से किया जाए.
4. सरकार उनके ज्ञापन पर विनम्रता पूर्वक विचार नहीं करती है तो उनका अनुरोध है कि जमा की गई अग्रिम सुरक्षित राशि को समायोजित करते हुए लाइसेंस को वापस लेने की कृपा करें.