रांची: सुप्रीम कोर्ट द्वारा निजी वाहनों पर विभाग या पद नाम लिखवाने को प्रतिबंधित करने के बाद भी लोग अपने स्टेटस को जगजाहिर करने के लिए बड़े-बड़े नेम प्लेट लगवाने से बाज नहीं आ रहे हैं. यह स्टेटस सिंबल का प्रेम सिर्फ अफसरों में ही नहीं बल्कि तमाम राजनीतिक दलों के छोटे भैया नेता भी बड़े-बड़े नेम प्लेट्स लगवा कर रौब दिखाते नजर आते हैं.
बेरोकटोक नियमों का उल्लंघन
हालांकि, यह नियम के खिलाफ होने के बावजूद भी अधिकारी और पदाधिकारी किसी तरह की कार्रवाई से निडर होकर अपने वाहनों में रसूख की पट्टी और प्लेट लगा रहे हैं. वहीं परिवहन विभाग एवं यातायात पुलिस के द्वारा भी इनके रसूख की पट्टी और प्लेटों को देख कोई कार्रवाई नहीं की जाती है और ऐसे लोग बेरोकटोक नियमों का उल्लंघन कर सड़कों पर अपनी गाड़ियां दौड़ा रहे हैं.
नंबर प्लेट पर नंबर के अलावा कुछ और लिखना गलत
इसको लेकर वकील चंद्र मोहन त्रिपाठी बताते हैं कि परिवहन विभाग के नियमों के अनुसार वाहनों की नंबर प्लेट पर नंबर के अलावा कुछ और लिखना गलत है. कानून के खिलाफ भी है. यहां तक की नंबर प्लेट पर नंबर भी सामान्य समझी जाने वाली लिपि में लिखना जरूरी होता है, लेकिन नंबर लिखवाने में वाहन मालिक अपनी रुचि के हिसाब से कई तरह के अंकों और रंगों का इस्तेमाल कर अपने शौक को पूरा करते नजर आते हैं.
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अधिकारियों पर जरूर कार्रवाई होगी
वहीं, पूरे मामले पर परिवहन मंत्री सीपी सिंह बताते हैं कि जो भी अधिकारी वाहन अधिनियम के खिलाफ जाकर अपने निजी वाहनों में नंबर प्लेट्स पर अपने पद का नाम लगाकर दुरुपयोग कर रहे हैं, वैसे अधिकारियों पर जरूर कार्रवाई होगी.