रांची: कतरी जलाशय के विस्थापितों के जमीन अधिग्रहण के बदले में राज्य सरकार के द्वारा नौकरी देने के मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में राज्य सरकार को 4 सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. अदालत ने सरकार को यह बताने के लिए कहा है कि हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद भी अभी तक क्यों नहीं नौकरी दी गई? मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी.
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की बेंच में गुमला जिले के कतरी जलाशय के लिए जमीन अधिग्रहण के बदले में एहसानुल्लाह को नौकरी नहीं दिए जाने के मामले में दायर एलपीए याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले पर सुनवाई की. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता सचिन कुमार ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सरकार को 4 सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी. सुनवाई के दौरान सरकार के अधिवक्ता ने बताया कि जवाब लगभग तैयार है, लेकिन उसे फाइल नहीं किया जा सका. इसलिए उन्होंने अदालत से समय की मांग की. अदालत ने उन्हें समय देते हुए जवाब पेश करने को कहा है.