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झारखंड हाई कोर्ट का अहम फैसला, महिला आरक्षित सीट पर पुरुष की नहीं हो सकती नियुक्ति

झारखंड हाई कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में ये साफ कर दिया कि महिलाओं के लिए आरक्षित सीट अगर योग्य उम्मीदवार के न मिलने पर खाली रह जाते हैं तो उसके बाद भी उस पर पुरुष उम्मीदवार की नियुक्ति नहीं हो सकती है.

men cannot be appointed on women reserved seats
men cannot be appointed on women reserved seats

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Published : Dec 8, 2021, 5:21 PM IST

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के डबल बेंच ने एक अहम फैसला सुनाया है. अदालत ने एकल पीठ के उस आदेश को सही बताया है जिसमें कहा गया था कि महिला के लिए आरक्षित पद अगर योग्य महिला उम्मीदवार के नहीं मिलने से रिक्त रह गया है, फिर भी उस पद पर पुरुष अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं हो सकती है. अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया है.

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रविरंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में यह गुहार लगाई गई कि 2015 में सिपाही नियुक्ति हुई थी. जिसमें महिलाओं के लिए आरक्षित सीट खाली रह गए हैं. उस खाली सीट को पुरुष अभ्यर्थियों के द्वारा भर दिया जाना चाहिए. सीट खाली रख कर क्या होगा. जब उसमें योग्य पुरुष अभ्यर्थी हैं तो उसे भर दिया जाना चाहिए. लेकिन कर्मचारी चयन आयोग ने उन पदो कों नहीं भरा. इसलिए उन्होंने अदालत से गुहार लगाई कि वे राज्य सरकार और कर्मचारी चयन आयोग को आदेश दें और रिक्त पद को पुरुष अभ्यर्थियों के द्वारा भर दें.

संजय पिपरवाल, अधिवक्ता, झारखंड हाई कोर्ट

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सरकार और कर्मचारी चयन आयोग की ओर से कहा गया कि महिला आरक्षित सीट पर पुरुष अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं की जा सकती है. उन्होंने अदालत को बताया कि नियम में जब सीट महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया है तो उसपर पुरुष अभ्यर्थी की नियुक्ति कैसे हो सकती है. वह सीट महिला उम्मीदवार से ही भरी जाएगी. उन्होंने अदालत को जानकारी दी कि एकल पीठ ने भी यह माना है कि महिला के लिए आरक्षित सीट पर पुरुष अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं की जा सकती है. अदालत ने सरकार और आयोग की दलील पर अपनी सहमति जताते हुए एकल पीठ के आदेश को सही माना है. याचिका को खारिज कर दिया.


मोहम्मद महताब खान ने याचिका दायर कर हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी कि 2015 में जो सिपाही नियुक्ति की है उसमें महिलाओं के लिए आरक्षित पद योग्य महिला उम्मीदवार नहीं मिलने के कारण रिक्त रह गए है. उस रिक्त पद पर योग्य पुरुष उम्मीदवार की नियुक्ति कर दी जाए. उस याचिका पर एकल पीठ में सुनवाई हुई. एकल पीठ ने याचिका को खारिज कर दिया. उसके बाद एकल पीठ के आदेश को हाई कोर्ट की डबल बेंच में चुनौती दी गई. उस एलपीए याचिका पर सुनवाई के उपरांत खारिज कर दिया गया.

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