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COVID 19: HC का राज्य के सिविल कोर्ट को फरमान, 31 मार्च तक जरूरी और अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने सभी जिला के सिविल कोर्ट को 31 मार्च तक सिर्फ जरूरी जमानत याचिका और अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करने का निर्देश दिया है. अदालत ने जेल में बंद कैदी का पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी कराने का निर्देश दिया है. किसी भी मामले में कठोर आदेश पारित नहीं करने को कहा है.

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Published : Mar 17, 2020, 11:08 PM IST

Jharkhand HC gave special instructions to all civil courts of the state regarding Corona
HC का राज्य के सिविल कोर्ट को फरमान

रांचीः कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए झारखंड हाई कोर्ट के फुल बेंच ने राज्य के सभी जिला के सिविल कोर्ट में कोरोना वायरस से बचाव के लिए कई निर्देश जारी किए हैं. फुल कोर्ट ने सभी जिला न्यायालय को सिर्फ जरूरी मामले पर सुनवाई करने का निर्देश दिया है. उन्होंने सिविल कोर्ट के प्रधान जज को यह निर्देश दिया है कि वह इस वायरस से बचाव के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं. इसमें अगर किसी प्रकार की कठिनाई हो रही है तू हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल अंबुज नाथ से दिशा निर्देश ले.

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वहीं, उन्होंने जेल में बंद कैदी की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कराने को कहा है. अगर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यह संभव नहीं हो पाता है तो उसके लिए एक मजिस्ट्रेट नियुक्त करने को कहा है. जो मजिस्ट्रेट जेल जा कर पेशी संबंधी आवश्यक कार्यवाही पूर्ण करेगी. अदालत ने गवाह की गवाही देने के लिए अदालत नहीं आने पर किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया है. अदालत में दिए गए पूर्व में अंतरिम आदेश अगले आदेश तक जारी रहेगा साथ ही 31 मार्च तक निर्धारित केस में अगली सुनवाई की तिथि 4 अप्रैल के बाद का देने का निर्देश दिया है. अदालत ने सर्विस नोटिस सिर्फ रजिस्टर्ड डाक से भेजने का निर्देश दिया है.

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन की अध्यक्षता वाली फुल कोर्ट ने कोरोना वायरस से बचाव को लेकर कई निर्देश दिए हैं.उन्होंने सिविल कोर्ट के प्रधान जज को परिसर में आम लोगों के आने पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाने को कहा है. अदालत परिसर में सिर्फ संबंधित केस के अधिवक्ता को ही जाने की अनुमति देने को कहा है. साथ ही परिसर में प्रवेश करने वाले लोगों की जांच कराने के उपरांत ही जाने की अनुमति देने को कहा है. साथ ही अदालत परिसर में किसी भी प्रकार की कैंटीन या किसी दुकानों को बंद करने को कहा है.

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