रांची: झारखंड में धान खरीद की शुरुआत हो चुकी है. नामकुम प्रखंड कार्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव और कृषि मंत्री बादल ने इसकी शुरुआत की. इस साल हर प्रखंडों के लैम्प्स में कुल 562 धान क्रय केंद्र बनाया गया है.
झारखंड सरकार ने धान खरीद की शुरूआत कर दी है. हर प्रखंडों के लैम्प्स में कुल 562 धान क्रय केंद्र बनाए गए हैं. इन केंद्रों पर किसान सरकार के निर्धारित दर पर धान बेच सकते हैं. इस वर्ष 2021-22 के दौरान 2,14,087 निबंधित किसान हैं जो राज्यभर के धान क्रय केंद्र पर धान बेच सकेंगे. सरकार ने पिछले साल धान खरीददारी में आई शिकायत के बाद इस साल एक किसान से अधिकतम 200 क्विंटल ही धान खरीदेगी. धान क्रय की शुरुआत करते हुए मंत्री रामेश्वर उरांव ने तीन किसानों को सांकेतिक रूप में पचास फीसदी राशि का भुगतान किया. वहीं, नामकुम लैम्प्स को भी बकाया राशि का आंशिक भुगतान किया गया.
8 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य
धान खरीद की शुरुआत करते हुए कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि इस वर्ष धान की बंपर पैदावार हुई है. पिछले वर्ष सरकार ने लक्ष्य से ज्यादा धान की खरीददारी की थी. इस साल राज्य सरकार ने 8 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य तय किया है. राज्य सरकार इसके लिए सभी जिलों का लक्ष्य भी निर्धारित किया है. इसके अलावा राज्यभर में लैम्प्स से धान का उठाव करने के लिए 105 चावल मिल के साथ एग्रीमेंट किया गया है. उन्होंने कहा कि धान खरीद केंद्र की संख्या सरकार बढ़ाएगी जिससे किसानों को कोई परेशानी ना हो और सरकार को लेकर अधिक से अधिक धान प्राप्त हो सके. राज्य सरकार ने साधारण धान का मूल्य 2050 और ग्रेड ए धान की कीमत 2070 रुपए निर्धारित की है. इस वर्ष सरकार ने धान प्राप्त करने के वक्त ही 50 प्रतिशत भुगतान करेगी उसके बाद शेष राशि 90 के अंदर भुगतान करेगी. राज्य सरकार ने इसके लिए बैंको से 1552 करोड़ ऋण लिया है.
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धान क्रय शुरू करने के बहाने हुई राजनीति
धान क्रय शुरू करने के मौके पर राजनीति भी होती दिखी. खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कांग्रेस की जमकर बड़ाई करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा. केंद्र के तीन कृषि कानून के विरोध में कांग्रेस के चलाए गए आंदोलन की सराहना करते हुए रामेश्वर उरांव ने कांग्रेस को किसानों की हितैषी बताया. उन्होंने कहा कि झारखंड में जब उनकी सरकार आई तो उन्होंने 50 हजार रुपए तक का कृषि ऋण माफ किया. कांग्रेस पार्टी ने किसानों के लिए समर्थन मूल्य लाया जबकि केंद्र सरकार एमएसपी खत्म करने पर तुली हुई है. रामेश्ववर उरांव ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने की बात करना भ्रम है. उन्होने कहा कि धान की अधिप्राप्ति बढ़ाया गया है जो किसानों की हित में होता है. पिछली सरकार ने ऐसा नहीं किया जिसके कारण किसानों को लाभ नहीं मिला. पिछली बार धान खरीद में गड़बड़ी आई थी. यह व्यापारी वर्ग की साजिश थी, जिसके कारण एक हजार क्विंटल धान बेचा था. इस बार मध्यम और छोटे किसानों को सरकार लाभ पहुंचाने के लिए हर एक किसान से अधिकतम 200 क्विंटल ही धान खरीदेगी. इधर, धान बेचने के लिए आई नामकुम के चटकपुर की महिला पुष्पा देवी ने सरकार के द्वारा तत्काल पचास फीसदी राशि दिये जाने पर खुशी जताते हुए इसकी सराहना की.
बहरहाल, धान की बंपर पैदावार को देखते हुए राज्य सरकार ने इस वर्ष 80 लाख टन धान की खरीददारी का लक्ष्य तय किया है जिसके लिए किसानों का निबंधन जारी है.विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब तक करीब 2.25 लाख किसानों ने निबंधन कराया है जो लैम्प्स के माध्यम से सरकार को निर्धारित दर पर धान बेचेंगे.