रांचीः सोमवार को झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र (Special Session of Jharkhand Assembly) आहूत किया गया था. सदन में विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान निर्दलीय विधायक सरयू राय ने विश्वास प्रस्ताव को औचित्यहीन बताया. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार के मंत्री भ्रष्ट हैं. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार और सदन को मालूम है कि भ्रष्टाचार में लिप्त मंत्री के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य है. इसके बाबजूद कार्रवाई नहीं की जा रही है.
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सरकार के कामकाज से नाराज सरयू राय ने विपक्षी दल भाजपा और आजसू के साथ सदन से मत विभाजन के वक्त वाक ऑउट कर विश्वास प्रस्ताव का विरोध किया. सदन से बाहर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए सरयू राय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में जिस तरह की गड़बड़ी हुई है तो स्वास्थ्य मंत्री साबित करें कि वे भ्रष्ट नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सदन में मेरे द्वारा लगाये गये आरोप पर स्पीकर से अवमानना का प्रोसिडिंग चलाने का आग्रह भी किया. लेकिन उसे अनसुनी कर दी गई.
सरयू राय ने हेमंत सरकार के विश्वास मत प्रस्ताव पर तंज कसते हुए कहा कि यह निरर्थक कवायद थी. जब इनकी सरकार बनी थी तो मेरे समर्थन के साथ 54 विधायकों का समर्थन मिला था. इस बार 48 पर आ गए. इसकी आवश्यकता क्या थी वो सरकार को बताना चाहिए था. सदन में बहुमत के पक्ष में वही खड़े हुए, जो उनके साथ पहले से थे. यह सामान्य बहुमत नहीं था. यह बहुमत बनावटी था. इनको स्पष्ट बहुमत रहता तो कांग्रेस विधायक को बस में बिठाकर रायपुर और रांची सर्किट हाउस होते हुए विधानसभा नहीं लाते. उन्होंने कहा कि ये विधायक अब कहां जायेंगे.
वहीं माले विधायक विनोद सिंह ने कहा कि सदन क्यों बुलाया गया है. इसका जवाब तो सरकार के मुखिया देंगे. लेकिन यह सच है कि राज्य में बहुमत से निर्वाचित सरकार को लगातार अस्थिर करने की कोशिश होती रही है, जो राज्य के विकास के लिए ठीक नहीं है. इसके साथ ही आजसू विधायक लंबोदर महतो विधानसभा के बाहर 1932 खतियान लागू करने, कुड़मी को अनुसूचित जाति का दर्जा देने सहित कई मांगों को लेकर विधानसभा के बाहर धरना पर गये.