रांचीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था को राहत देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी. इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त की घोषणा की. इसके तहत सरकार कृषि क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के लिए एक लाख करोड़ रुपये देगी. न्यूनतम समर्थन मूल्य, क्लस्टर प्रणाली, फसल बीमा और अन्य योजनाओं के जरिए किसान लाभांवित हो सकते हैं. इससे झारखंड के किसानों को कैसे लाभ होगा, ये जानने के लिए ईटीवी भारत ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के शिक्षा प्रसार निदेशक डॉ आरएस कुरील से खास बातचीत की है.
चना की खेती वरदान
डॉ आरएस कुरील ने बताया कि झारखंड में सब्जी का उत्पादन सरप्लस है. यहां के किसान सब्जी को दूसरे राज्यों में भेज सकते हैं. राज्य में शहद का उत्पादन भी हर जिले में होता है. यहां यूकेलिप्टस शहद, नीम शहद, तुलसी शहद और फॉरेस्ट शहद की किस्में मिलती हैं. शहद की मांग देशभर में है. चने की खेती किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है. जुलाई-अगस्त के बीच परती खेत छोड़ने से बेहतर चने की खेती है.