रांची: झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में कोरोना से राज्य सरकार कैसे निपटेगी, इसकी कैसी तैयारी है, इसे लेकर हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन अपने आवासीय कार्यालय से और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की.
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के दिए गए जवाब पर अदालत ने नाराजगी व्यक्त किया. हाई कोर्ट का कहना है कि इस तरह से कैसे कोरोना वायरस से निपटा जाएगा. उन्होंने राज्य सरकार को हर आवश्यक कदम उठाने का आदेश दिया. साथ ही उन्होंने यह भी पूछा की राजधानी रांची से जो बस में डीसी के अनुमति के बाद मजदूरों को भेजा गया था, उसको अभी तक चिन्हित किया गया है या नहीं. उसकी जांच की गई है या नहीं.
ये भी पढ़ें-लापरवाही से बढ़ सकता है कोरोना संक्रमण, जानिए झारखंड में कैसे होता है कोविड-19 मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल
डीसी को जो शो कॉज किया गया था, उस पर सरकार ने क्या निर्णय लिया. इन सभी बिंदुओं पर विस्तृत जवाब 24 अप्रैल तक पेश करने का आदेश दिया है. बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने राज्य में कोरोना वायरस से निपटने के लिए डॉक्टर, नर्स और हेल्थ वर्कर को पीपीई कीट के साथ-साथ अन्य उपकरण की कमी होने संबंधी पत्र लिखा था. उसी पत्र पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई करने का आदेश दिया था.
पूर्व में मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा था. राज्य सरकार के जवाब पर अदालत ने नाराजगी जाहिर करते हुए पुनः विस्तृत जवाब पेश करने का आदेश दिया है. अब मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी.