रांचीः चारा घोटाला के सबसे बड़े आरसी 47ए/96 मामले में सुनवाई चल रही है. जिसमें राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की ओर से बहस जारी है. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में बहस के दौरान उनके वकील ने कहा कि लालू यादव का घोटाले में कोई हाथ नहीं है. यह मामला चारा घोटाला में डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से जुड़ा है.
सीबीआई की विशेष अदालत में लालू प्रसाद यादव ने कहा- घोटाले में नहीं था मेरा कोई हाथ
रांची में सीबीआई की विशेष अदालत में चारा घोटाला से जुडे़ डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले की सुनवाई चल रही है. जिसमें लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि वो इस घोटाले में शामिल नहीं थे.
ये भी पढ़ेंःचारा घोटाला मामलाः सीबीआई की विशेष अदालत में डे-टू-डे सुनवाई, लालू प्रसाद यादव की ओर से रखा गया पक्ष
बता दें कि चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में डे-टू-डे बहस जा रही है. गुरुवार को बहस के दौरान राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की ओर से पक्ष रखा गया. सीबीआई की विशेष अदालत में बहस के दौरान उनके वकील ने कहा कि लालू प्रसाद का घोटाले में कोई हाथ नहीं है. लालू प्रसाद ने जून 1993 में अधिक निकासी को लेकर बैठक बुलाई थी. बैठक में संबंधित जिले के डीसी से अधिक निकासी पर रिपोर्ट देने को कहा गया. लेकिन किसी ने भी रिपोर्ट नहीं भेजी. आज इस मामले में बहस जारी रहेगी. इसी मामले में एक अन्य आरोपी डॉ. उमेश चंद्र सिंह की ओर से भी दलीलें रखी गयी.
विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया कि डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े मामले में 72 आरोपियों की ओर से बहस पूरी हो चुकी है. मामले में लालू प्रसाद समेत 104 आरोपी मुकदमे का सामना कर रहे हैं.
डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े चारा घोटाले के सबसे बड़े आरसी 47ए/96 मामले में अब डॉक्टर की ओर से बहस के बाद राजनेताओं की ओर से अदालत में दलील रखी जा रही है. डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी में अब तक 72 आरोपियों की ओर से दलीलें पूरी कर ली गयी है. मामले में फिर लालू प्रसाद की ओर से दलीलें रखी गई.
बता दें कि चारा घोटाला के सबसे बड़े डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े मामले में लालू प्रसाद, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉ. आरके राणा, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, डॉ. केएम प्रसाद, डॉ. गौरी शंकर प्रसाद समेत 104 आरोपी मुकदमा का सामना कर रहे हैं. सीबीआई ने प्रारंभ में 170 लोगों को आरोपी बनाया था. लालू समेत 147 आरोपियों के खिलाफ आरोप गठित किया गया था. सुनवाई के दौरान अब तक बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र समेत 37 आरोपियों का निधन हो चुका है.