रांचीः आचार संहिता उल्लंघन मामले में आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कोर्ट के समक्ष उपस्थित होना था. मामले को लेकर मुख्यमंत्री की तरफ से उपस्थिति से छूट देने से संबंधित याचिका दाखिल गई है. एमपी एमएलए की विशेष अदालत में सीआरपीसी 205 के तहत यह याचिका दाखिल की गई है.
आचार संहिता उल्लंघन का मामला, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने याचिका दाखिल कर सशरीर उपस्थिति से मांगी छूट
आचार संहिता उल्लंघन से मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अधिवक्ता के माध्यम से अदालत में उपस्थित हुए हैं. एमपी एमएलए की विशेष अदालत में मुख्यमंत्री की ओर से सीआरपीसी 205 के तहत आवेदन दे कर सुनवाई के दौरान सशरीर उपस्थिति से छूट देने की मांग की गई.
साल 2019 से जुड़े आचार संहिता उल्लंघन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अधिवक्ता ने आज एमपी एमएलए की स्पेशल कोर्ट में सीआरपीसी 205 के तहत उपस्थिति में छूट से सबंधित याचिका दायर की गई. जिसमें अदालत से मुख्यमंत्री के कोर्ट में उपस्थित होने से छूट देने की मांग की गई. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा कोर्ट में उपस्थिति से छूट की अर्जी खिलाफ अभियोजन पक्ष के द्वारा रिजॉइंडर फाइल किया जाना है. जिसके लिए अदालत से 10 दिनों का समय मांगा गया है.
क्या है धारा 205ः बता दें कि सीआरपीसी की धारा 205 में यह निहित है कि जब कोई मजिस्ट्रेट समन जारी करते हैं तो वह ऐसा करने के कारणों को देखते हुए अभियुक्त को व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दे सकते हैं. मजिस्ट्रेट अभियुक्त को अपने वकील के जरिए पेश होने की अनुमति दे सकते हैं. धारा में यह भी निहित है कि मजिस्ट्रेट अपने विवेक से इस पर फैसला ले सकते हैं.