रांची: झारखंड में तीन चरण में टीकाकरण होगा. पहले चरण में एक लाख हेल्थ केयर वर्कर्स का टीकाकरण होगा. दूसरे चरण में करीब डेढ़ लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स यानी नगर निगम के कर्मी, राजस्व कर्मी, पुलिस और पारा मिलिट्री के जवान शामिल होंगे. तीसरे चरण में एक करोड़ लोगों का टीकाकरण होगा. इसमें 50 साल से ज्यादा आयु वर्ग के बुजुर्ग के अलावा 50 वर्ष से कम आयु के वैसे लोग शामिल होंगे जो हार्ट और किडनी समेत अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि अगले साल जनवरी से मार्च के बीच पहले चरण के टीकाकरण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.
सुनिए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने क्या कहा 90 दिन में एक करोड़ टीकाकरण की क्षमता
झारखंड में 2 साल पहले 26 जुलाई को मिजिल्स रूबेला टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था. इस अभियान को भी तीन चरण में चलाया गया था और 90 दिन के भीतर करीब एक करोड़ बच्चों/किशोरों का टीकाकरण हुआ था. बच्चों को खसरा और रूबेला बीमारी से बचाने के लिए MR वैक्सीनेशन अभियान चलाया गया था. इसमें 9 माह से लेकर 15 साल से कम आयु वर्ग के बच्चों का टीकाकरण हुआ था. इस बीमारी के कारण बच्चों के विकलांग होने और असमय मृत्यु का खतरा था.
वैक्सीन की प्रतीकात्मक तस्वीर इस आधार पर स्वास्थ्य विभाग आश्वस्त है कि कोरोना का वैक्सीन आते ही टीकाकरण की प्रक्रिया तीन चरण में शुरू कर दी जाएगी. इसे ध्यान में रखते हुए अब तक तीन बार इंटेंसिव पब्लिक हेल्थ सर्वे भी हो चुका है. जिला स्तर पर टास्क फोर्स की भी तैयारी कर ली गई है.
वैक्सीन के रखरखाव की तैयारी और विस्तार
कोरोना वैक्सीन को रखने के लिए रांची में बहुत जल्द एक वॉक इन फ्रीजर और दो वॉक इन कूलर को इंस्टॉल कर दिया जाएगा. वॉक इन फ्रीज़र में माइनस 25 डिग्री तापमान तक वैक्सीन को रखा जा सकता है जबकि वॉक इन कूलर में 2 डिग्री से 8 डिग्री तापमान तक वैक्सीन रखने की सुविधा होती है.
झारखंड में एक स्टेट वैक्सीन स्टोर है. दो रीजनल वैक्सीन स्टोर है. 24 जिला वैक्सीन स्टोर और 247 उप-जिला कोल्ड चेन पॉइंट्स हैं. इसके अलावा पूर्वी जमशेदपुर में एक नया रीजनल वैक्सीन स्टोर स्थापित किया जा रहा है. 30 नए कोल्ड चेन पॉइंट्स चिन्हित किए गए हैं. केंद्र सरकार से 148 आईएलआर यानी आइस लाइंड रेफ्रिजरेटर और 57 डीप फ्रीजर भी मिलने वाला है. राज्य स्तर पर कोल्ड चेन मैनेजमेंट की ट्रेनिंग भी हो चुकी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से मिल रहे दिशा निर्देशों के आधार पर तैयारियां की जा रही हैं. टीकाकरण शुरू होने पर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच बनाने के लिए एनजीओ और प्राइवेट सेक्टर की भी मदद ली जाएगी.
ये भी पढ़ें-सार्वजनिक उपयोग के लिए फरवरी से उपलब्ध हो सकती है 'कोवैक्सीन'
झारखंड में फिलहाल पोलियो, बीसीजी, डीपीटी, टीडी, रोटा, जैपनीज इनफ्लुएंजा, आईपीवी और हेपेटाइटिस जैसे कई टीकाकरण के अभियान चरणबद्ध तरीके से चल रहे हैं. इसके लिए रांची में तीन वॉक इन कूलर और एक वॉक इन फ्रीज़र मौजूद है. इसके अलावा आईएलआर यानी आइस लाइन्ड रेफ्रिजरेटर और डीप फ्रीजर भी है. सभी टीकाकरण केंद्रों में भी आईएलआर और डीप फ्रीजर की सुविधा है.
वैक्सीन ले जाने वाली गाड़ी टीकाकरण के दौरान अफवाह से बचना जरूरी
झारखंड में अक्सर देखने को मिलता है कि किसी भी बीमारी से बचाव के लिए जब टीकाकरण अभियान शुरू होता है तो उसके साइड इफेक्ट को लेकर कई तरह की अफवाह उड़ाए जाते हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इसी बात को लेकर चिंता में है. उन्हें अंदेशा है कि अगर वैक्सीन के दौरान किसी के साइड इफेक्ट का हवाला देकर अफवाह उड़ेगी तो अभियान पर असर पड़ेगा. इसलिए ऐसे नाजुक दौर में लोगों को गलतफहमी से बचना होगा.