रांची: कोयलांचल में सक्रिय सुशील श्रीवास्तव के गैंग में फूट पड़ गई है. सुशील श्रीवास्तव की हत्या के बाद गैंग की कमान उसका बेटा अमन श्रीवास्तव संभाल रहा था. हत्या, रंगदारी समेत कई वारदातों में वांटेड अमन श्रीवास्तव 2015 से फरार है. लेकिन अब जो सूचनाएं मिली रही हैं उसके मुताबिक, गैंग के खास सदस्य सुजीत सिन्हा ने अब अलग राह पकड़ ली है.
सुजीत सिन्हा सुशील श्रीवास्तव का खास शागिर्द रहा है
बता दें कि सुजीत सिन्हा पहले सुशील श्रीवास्तव का खास शागिर्द रहा है. सुजीत सिन्हा से हाल ही में जमशेदपुर पुलिस ने रिमांड पर पूछताछ की थी. रिमांड पर सुजीत ने खुद के अलग गिरोह बनाने की बात की पुष्टि की थी.
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आपस में भी हो सकता है गैंगवार
अमन श्रीवास्तव और सुजीत सिन्हा के गैंग के अपराधी रांची के कोयला उठाव वाले इलाके, चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, लातेहार में सक्रिय हैं. दोनों गैंग के सदस्य कोयला कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों से रंगदारी की मांग कर रहे हैं. आशंका जताई जा रही है कि दोनों गैंग रंगदारी को लेकर आपस में उलझ भी सकते हैं.
उग्रवादी संगठन से सांठगांठ
पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के मुताबिक, सुजीत सिन्हा के गैंग के संबंध जेजेएमपी के उग्रवादियों के साथ हैं. पुलिस तक जो सूचनाएं मिली हैं उसके मुताबिक, जेजेएमपी के पप्पू लोहरा के साथ सुजीत सिन्हा के गैंग के अमन साव की बैठक हुई थी. अमन साव बड़कागांव थाना के हाजत से भागने के बाद लातेहार में जेजेएमपी के उग्रवादियों के ठिकाने पर छिप हुआ था. बाद में पुलिस को चमका देकर अमन साव विदेश भाग गया था. जहां से वह लगातार फेसबुक पर सक्रिय है.
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गिरोहों के बारे में ये राज भी खुले
सुजीत सिन्हा के जेल में होने की वजह से उसके गैंग की कमान अमन साव संभाल रहा है. अमन साव हजारीबाग, रामगढ़, रांची, लातेहार के कई युवकों से फेसबुक पर संपर्क करता है. इसके बाद रंगदारी उठावे में युवकों का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं अमन श्रीवास्तव के गैंग में भी मासिक वेतन पर युवकों को रखे जाने की पुष्टि हुई थी. अमन खुद उन युवकों से संपर्क में नहीं रहता, लेकिन युवकों से संपर्क करने का काम अलग-अलग जिलों में उसके गिरोह के अलग- अलग अपराधी करते हैं.