रांची: यूपी के मनरेगा आयुक्त के बैंक खाते से एक फर्जी एनजीओ के खाते में 56.42 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने की योजना रांची पुलिस ने असफल कर दी है. मामले में दिल्ली, यूपी और झारखंड के अपराधियों के एक अंतरराज्यीय गिरोह के चार सदस्यों को रांची पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
क्लोन चेक के साथ धराए
रांची सदर पुलिस ने 56.42 करोड़ की क्लोन चेक के साथ 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में राजेश पासवान, विजय वर्मा, मनीष सिन्हा और अजय सिंह शामिल है. बुधवार की रात पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर रांची के बुटी मोड़ स्थित मेडिका चौक के पास से पकड़ा है. गिरफ्तार सभी आरोपी रांची के अलग-अलग जगह के रहने वाले हैं. जब्त 56.42 करोड़ का चेक एसबीआई बैंक का है. चेक यूपी सरकार के एनईआरजी स्कीम से मनरेजा आयुक्त के फर्जी हस्ताक्षर से निर्गत है. चेक पीएसएमई कंस्ट्रक्शन एंड स्टाफिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से काटा गया है. जिसे पकड़े गए आरोपी रांची में एसबीआई के शाखा में चेक का पैसा दूसरे खाते में ट्रांसफर करने के लिए बैंककर्मी से बातचीत कर रहे थे.
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दिल्ली से आए थे दो शख्स, एयरपोर्ट पर हुई थी डील
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि 21 अगस्त को एयरपोर्ट पर कुणाल और सतीश ठाकुर नाम के व्यक्ति दिल्ली से आए थे. इन दोनों से एयरपोर्ट पर ही विजय वर्मा और राजेश पासवान की डील हुई थी. दिल्ली से आए कुणाल और सतीश ने मनरेगा आयुक्त के हस्ताक्षर से जारी चेक देते हुए कहा था कि चेक के जरिए पैसे ट्रांसफर होने पर आरोपियों को पांच प्रतिशत कमीशन दिया जाएगा. पांच प्रतिशत कमीशन के लालच में राजेश और विनय वर्मा ने बाद में मनीष वर्मा और अजय सिंह से संपर्क किया. इसके बाद बैंक अधिकारियों से भी संपर्क कर दो प्रतिशत कमीशन देने का झांसा दिया जा रहा था. इसी दौरान मामले की भनक रांची पुलिस को लग गई.
मनरेगा आयुक्त ने की हस्ताक्षर के फर्जी होने की पुष्टि
रांची पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी है कि जिस चेक के जरिए एनजीओ के खाते में पैसे ट्रांसफर किए जा रहे थे, वह चेक असली प्रतीत होता है. रांची एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने इस मामले में यूपी के मनरेगा आयुक्त से भी बात की है. मनरेगा आयुक्त ने इस बात की पुष्टि की है कि अपराधियों के पास से मिले चेक पर उनके नाम से किया गया हस्ताक्षर फर्जी है. मनरेगा आयुक्त ने पीएसएमई कंस्ट्रक्शन एंड स्टाफिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड नाम के किसी एनजीओ के यूपी में मनरेगा कार्यक्रम में काम करने से भी इनकार किया है.
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पुलिस की प्रारंभिक जांच में क्या मिली जानकारी
पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आयी है कि गिरोह के कुछ सदस्य जिनका तार दिल्ली और यूपी से जुड़ा है, वह क्लोन चेक तैयार करने का गिरोह चलाते हैं. निजी और सरकारी खातों की क्लोनिंग कर पैसे की निकासी गिरोह के सदस्य करते हैं. सदर थानेदार ने बताया कि गिरफ्तार राजेश पासवान ने दिल्ली के दो लोगों की नाम का खुलासा किया है. रांची पुलिस 22 अगस्त को एयरपोर्ट में लगी सीसीटीवी कैमरों की मदद से रांची आए दो अपराधियों की तस्वीर जुटाने का प्रयास कर रही है.