रांची: पूर्व कृषि निदेशक निस्तार मिंज को हाईकोर्ट से राहत मिली है. हाईकोर्ट ने निस्तार मिंज को अग्रिम जमानत दे दी है. कृषि निदेशक निस्तार मिंज की जमानत याचिका की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट में हुई. मामले की सुनवाई न्यायाधीश केपी देव की अदालत में हुई.
2008 से ही एसीबी कर रही जांच
अदालत ने निस्तार मिंज की याचिका पर सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से टिप्पणी की है. अदालत ने कहा कि मामले की जांच सही तरीके से नहीं हो रही है. वर्ष 2008 से एसीबी जांच कर रही है, लेकिन अभी तक जांच पूरा नहीं हो पाया है. अदालत ने एसीबी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कार्यशैली पर सुधार लाने को कहा है.
अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई
पूर्व कृषि निदेशक निस्तार मिंज की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने निस्तार मिंज को अग्रिम जमानत की सुविधा प्रदान की है. साथ ही अदालत ने एक-एक लाख के दो निजी मुचलके पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया है. सुनवाई के दौरान निस्तार मिंज के अधिवक्ता ने अदालत में पक्ष रखते हुए कहा कि घोटाला में इनका कोई दोष नहीं है. खरीदारी करने का सारा प्रस्ताव भी विभागीय मंत्री और सचिव के स्तर से आया था. जिसका अनुपालन किया गया. सभी जिले से मिले दस्तावेज के आधार पर ही भुगतान किया गया.
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कीटनाशक और कृषि यंत्र घोटाला मामला
निस्तार मिंज में खाद कीटनाशक और कृषि यंत्र घोटाला मामले में अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. उस याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पिछले सुनवाई के दौरान फैसला सुरक्षित रख लिया था.