रांचीः वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर हुए लॉकडाउन की वजह से देश के अलग-अलग इलाकों में फंसे प्रवासी मजदूरों को वापस लाने में निजी कंपनियां भी हाथ बढ़ा रही हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निजी कंपनियों और उद्योगपतियों से मजदूरों को वापस लाने में सहयोग करने का आह्वान किया था. इसी बाबत दिल्ली की एक कंपनी दिल्ली इंटरलिंक फूड प्राइवेट लिमिटेड ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह में फंसे मजदूरों को झारखंड वापस लाने के लिए हाथ बढ़ाया है. झारखंड और अंडमान निकोबार के परस्पर सहमति और कंपनी के सहयोग से 4 जून को चार्टर्ड फ्लाइट द्वारा झारखंड के श्रमिकों को पोर्ट ब्लेयर से रांची स्थित बिरसा मुंडा एयरपोर्ट लाया जाएगा.
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4 जून को मजदूरों को लेकर अंडमान से आएगी फ्लाइट, CM की अपील पर आगे आई निजी कंपनी
वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर हुए लॉकडाउन की वजह से देश के अलग-अलग इलाकों में फंसे प्रवासी मजदूरों को वापस लाने में निजी कंपनियां भी हाथ बढ़ा रही हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निजी कंपनियों और उद्योगपतियों से मजदूरों को वापस लाने में सहयोग करने का आह्वान किया था. जिसके बाद अंडमान निकोबार से प्रवासी मजदूरों को फ्लाइट से झारखंड लाया जाएगा.
वहीं, बता दें कि झारखंड पहला ऐसा राज्य है जहां मजदूरों को लाने के लिए पहली ट्रेन चलाई गई. उसके बाद अलग-अलग इलाकों में फंसे प्रवासियों को लाने के लिए बकायदा हवाई जहाज का भी उपयोग किया गया. अब तक अंडमान निकोबार द्वीप समूह और लेह और लद्दाख के अलग-अलग इलाकों में फंसे लोगों को राज्य सरकार तीन अलग-अलग फ्लाइट से एअरलिफ्ट कर झारखंड वापस लाने में सफल हुई है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार झारखंड में अब तक 4.5 लाख से अधिक लोग वापस लौट चुके हैं, जिनमें लगभग तीन लाख प्रवासी मजदूर शामिल है.