रांची:झारखंड में नक्सलियों का बाइक प्रेम किसी से छिपा नहीं है, जंगली इलाकों में भ्रमण करने के लिए और पुलिस से पीछा छुड़ाने के लिए हर नक्सली संगठन बाइक का इस्तेमाल करता है. नक्सलियों के पास सबसे ज्यादा चोरी की बाइक पहुंचाई जाती है. रांची पुलिस ने नक्सलियों तक चोरी की बाइक पहुंचाने वाले एक गिरोह का खुलासा करते हुए पांच अपराधियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार अपराधियों के पास से चोरी के सात मोटरसाइकिल बरामद किए गए हैं. अगर समय रहते सभी मोटरसाइकिल बरामद नहीं किए जाते तो सभी के सभी नक्सलियों तक पहुंचा दिए जाते.
लापुंग से पकड़ाया गिरोह
रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि 15 अक्टूबर को रांची के लापुंग थाना क्षेत्र से एक युवक की बाइक चोरी कर ली गई. इस मामले की तफ्तीश में जुटी टीम को यह जानकारी मिली कि संजय लोहरा नाम का एक बाइक चोर इलाके में सक्रिय है, शक के आधार पर पुलिस की टीम संजय लोहरा के घर पर पूछताछ के लिए पहुंची. पुलिस को देखते ही संजय भागने लगा. पुलिस की टीम ने उसे खदेड़ कर धर दबोचा. संजय लोढ़ा की निशानदेही पर ही उसके अन्य चार साथी फणीश्वर गोप, अवधेश पाठक, सुधीर कुमार साहू और शिव कुमार सोनी भी पकड़े गए. पूछताछ के बाद अपराधियों के निशानदेही पर पुलिस की टीम ने चोरी की सात बाइक बरामद की है. गिरफ्तार अपराधियों के द्वारा रांची के जगन्नाथपुर, कोतवाली, टाटीसिल्वे के साथ- साथ खूंटी के कर्रा से भी बाइक की चोरी की गई थी.
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पीएलएफआई उग्रवादियों तक पहुंचाया जाता था चोरी के बाइक
पूछताछ के दौरान गिरफ्तार अपराधियों ने बताया है कि वे चोरी की सभी मोटरसाइकिल सीधे उग्रवादियों तक पहुंचाते थे. रेकी कर सबसे पहले में बाजार-हाट से बाइक चुराते थे और फिर उसका नंबर बदलकर उग्रवादियों तक पहुंचा देते थे. अपराधियों के अनुसार वे चोरी की मोटरसाइकिल सिर्फ उग्रवादियों को ही भेजते थे क्योंकि इन में कोई खतरा नहीं रहता था. एक बार जंगल में चोरी की मोटरसाइकिल पहुंच जाने के बाद उसे वापस लाना बेहद मुश्किल काम होता है.
50 से अधिक बाइक मौजूद है पीएलएफआई के दस्ते में
16 जुलाई को खूंटी और चाईबासा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में झारखंड पुलिस की ओर से पीएलएफआई के उग्रवादियों के खिलाफ अभियान चलाया गया था. इस दौरान उग्रवादियों और पुलिस के बीच भीषण मुठभेड़ हुआ. मुठभेड़ में 10 लाख रुपए का इनामी उग्रवादी शनीचर सुरीन मारा गया था. उस दौरान पुलिस की छापेमारी में 1 दर्जन से अधिक मोटरसाइकिल बरामद किए गए थे. जिनमें से अधिकांश चोरी की बाइक थी. पुलिस के लिए चुनौती बना शनीचर पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप का बेहद करीबी था. उसने ढाई लाख रुपए की कीमत का एक बुलेट (हिमालयन बाइक) खरीदा था. इसी बाइक पर हथियार लेकर वह अपने दस्ते के साथ जंगलों में घूमता था. शनिचर के मारे जाने के बाद उसकी बाइक बरामद की गई थी। वर्तमान समय में भी पीएलएफआई के दस्ते में 50 से अधिक मोटरसाइकिल है.
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