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हेमंत सरकार का बड़ा फैसला, पत्थलगड़ी और CNT-SPT संशोधन के आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज केस होंगे वापस

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में कई बड़े फैसले लिए हैं. उनमें सबसे महत्वपूर्ण सीएनटी-एसपीटी एक्ट के संशोधन के खिलाफ आवाज उठाने वाले आंदोलनकारियों और खूंटी इलाके में पत्थलगड़ी समर्थकों के खिलाफ दर्ज मामले भी वापस लिए जाएंगे.

First meeting of Hemant Cabinet
हेमंत कैबिनेट की पहली बैठक

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Published : Dec 29, 2019, 7:56 PM IST

Updated : Dec 29, 2019, 10:35 PM IST

रांची: झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में कई बड़े फैसले लिए हैं. उनमें सबसे महत्वपूर्ण अन्यान्य विषय में सीएनटी-एसपीटी एक्ट के संशोधन के खिलाफ आवाज उठाने वाले आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने का निर्णय लिया गया. इसके साथ ही राजधानी रांची से सटे खूंटी इलाके में पत्थलगड़ी समर्थकों के खिलाफ दर्ज मामले भी वापस लिए जाएंगे.

कैबिनेट सेक्रेटरी का बयान

6 से 8 जनवरी तक विशेष सत्र
कैबिनेट सेक्रेट्री अजय कुमार सिंह ने बताया कि कैबिनेट में झारखंड विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में स्टीफन मरांडी की नियुक्ति पर भी मुहर लगाई गई. इसके अलावा 6 जनवरी से 8 जनवरी तक झारखंड विधानसभा का सत्र बुलाने का निर्णय लिया गया. कैबिनेट सेक्रेट्री ने बताया कि 6 जनवरी को नए विधायकों का शपथ ग्रहण होगा और शोक प्रस्ताव पेश किया जाएगा. जबकि दूसरे दिन 7 जनवरी को झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष का निर्वाचन होगा. उसी दिन राज्यपाल का अभिभाषण भी होना है. इसके साथ ही 7 जनवरी को ही द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी भी विधानसभा में पेश की जाएगी.

कैबिनेट सेक्रेटरी का बयान

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झारखंड सरकार के 'लोगो' के संशोधन के लिए प्रस्ताव
जबकि 8 जनवरी को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और 2019-20 के लिए पेश द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी पर सामान्य वाद विवाद होना है. वहीं अन्यान्य मामले में कैबिनेट में झारखंड सरकार के 'लोगो' के संशोधन के लिए प्रस्ताव आमंत्रित करने का निर्णय लिया है. कैबिनेट सेक्रेट्री ने बताया कि अन्य मामलों में सात विषयों पर सहमति बनी है.उनमें विभिन्न विभागों में खाली रिक्तियों को तुरंत भरने, महिलाओं और वयस्कों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले की जल्द सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने और न्यायिक पदाधिकारियों की नियुक्ति करने पर सहमति बनी. इसके साथ ही हर जिले के उपायुक्तों को प्रखंड और पंचायत स्तर पर कैंप लगाकर लंबित भुगतान करने का निर्देश दिया गया. इसके साथ ही सभी जिलों के उपायुक्त और नगर निगम के आयुक्त को यथाशीघ्र अपने जिलों में गरीब या पात्र व्यक्तियों के बीच कंबल और ऊनी टोपी के वितरण करने का निर्देश दिया है. सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया गया.

Last Updated : Dec 29, 2019, 10:35 PM IST

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