रांची: अक्सर कहा जाता है कि आग से मत खेलो, जल जाओगे, लेकिन आग से खेलना कुछ लोगों के करियर को काफी ठंडक देता है. यही वजह है कि अग्निशमन विभाग दस्ते के जवान आम लोगों को आग से बचाने के लिए अक्सर अपनी जान से खेल जाते हैं.
कैसे लें सहायता
आपके घर, दफ्तर, प्रतिष्ठान या किसी अन्य जगहों पर आग लगी है तो आप कैसे अग्निशमन विभाग से सहायता ले सकते हैं. कैसे काम करता है सिस्टम. जानिए इस विशेष रिपोर्ट में.
फायरमैन की प्रमुख भूमिका
इस बात का दावा तो कोई कर नहीं सकता कि आग लगेगी या नहीं लगेगी. आग लगी तो संकट नहीं, लेकिन आग लग गई तो उसे बुझाने के लिए ऐसे आदमी या ऐसी टीम चाहिए जो आग लगने के कारण, आग बुझाने के तरीके, आग बुझाने के सामान और आग में घिरे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की हुनर की जानकारी रखता हो. यह सभी खूबियां फायर ब्रिगेड में काम करने वाले जवानों के अंदर होती है. जिसे हम फायरमैन कहते हैं. यह वही फायरमैन है जो अपनी जान पर खेलकर लोगों की जान बचाते हैं.
राजधानी में लगी आग तो करें इन नंबरों पर कॉल
- यूनिवर्सल नंबर- 101
- फायर ब्रिगेड डोरंडा- 930 495 3404
- फायर ब्रिगेड पिस्का मोड़- 930 495 3405
- फायर ब्रिगेड आड्रे हाउस- 930 495 3406
- धुर्वा फायर ब्रिगेड- 930 495 3407
- फायर ब्रिगेड बुंडू- 930 495 3408
- सीटीआई धुर्वा फायर ब्रिगेड- 930 495 3409
ये बात बताना है जरूरी
इन नंबरों पर फोन करते हैं तो दो मिनट के अंदर ही फायर ब्रिगेड की गाड़ियां फायर स्टेशन से घटनास्थल की ओर रवाना हो जाती हैं. अगर आग किसी ऊंची बिल्डिंग में लगी हो तो फोन करते समय अग्निशमन विभाग के दस्ते को यह भी बताएं की आग ऊंची बिल्डिंग में लगी है, ताकि हाइड्रोलिक वाहन मौके पर भेजा जा सके.
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झारखंड में है 35 फायर स्टेशन, रांची में पांच
झारखंड में कुल 35 फायर स्टेशन हैं. जहां वाटर टेंडर, वाटर वॉयजर, होम वाटर टेंडर, मिनी वाटर टेंडर, इमरजेंसी रेस्क्यू टेंडर, ब्रांडों स्काई लिफ्ट जैसे वाहनों के जरिए आग पर काबू पाया जाता है.