रांची: रांची के लोअर बाजार थाना में 12 वर्षीय नाबालिग के बयान पर पूर्व आईपीएस अधिकारी की बहन सुजाता और रोहतास में रहने वाले मान सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. मामला बाल मजदूरी से जुड़ा हुआ है. इस मामले में सीडब्ल्यूसी की पहल पर थाने में नाबालिग ने प्राथमिकी दर्ज करवाई है.
एफआईआर में क्या है ?
दर्ज एफआईआर में नाबालिग ने बताया कि पिछले एक साल से वो सुजाता के घर में काम किया करती थी. इस दौरान घरवालों ने कई बार उसके साथ मारपीट भी की. कई दिनों तक उसे खाना भी नहीं दिया जाता था. नाबालिग के अनुसार उसे पढ़ाने के नाम पर रोहतास से रांची लाया गया था. लेकिन उसे कभी स्कूल भेजा नहीं गया, रोहतास में ही रहने वाले मान सिंह नाम के व्यक्ति की मदद से सुजाता उसे रांची लेकर आई थी.
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फरार हो गई थी नबालिग
परेशान होकर नबालिग 17 अक्टूबर की शाम भागकर खादगढ़ा बस स्टैंड पहुंची थी. वहां भी उसे लेने के लिए सुजाता भी पहुंच गई. उसे जबरन घर ले जाने लगी थी, इसी दौरान कुछ बस एजेंटों के रोकने पर हंगामा हो गया था. इसके बाद पुलिस और सीडब्ल्यूसी के माध्यम से उसे शेल्टर होम भेजा गया था, बच्ची ने उस घर में जाने से इंकार किया है. सीडब्ल्यूसी अब रोहतास से उसके परिजनों को रांची बुलवा रही है, अब नाबालिग को परिजनों को सौंपा दिया जाएगा.
बच्ची बोली गांव के मान सिंह ने भिजवाया रांची
बच्ची ने अपने बयान में कहा कि उसके पिता से बातचीत के बाद गांव का ही रहने वाला मान सिंह नाम के व्यक्ति ने रोहतास के सुजाता से संपर्क कराया था. उनके माध्यम से ही काम के लिए रांची लाया गया है. रांची आकर वह प्रताड़ित हो रही थी, सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष रूपा कुमारी, सदस्य तनुश्री सरकार और कौशल किशोर के पास बच्ची का बयान दर्ज किया गया था.